महंगाई से बड़े ही नहीं, बच्चे भी परेशान हैं। उत्तर प्रदेश के कनौज की कक्षा एक की छात्रा द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र से बालमन पर पड़ता महंगाई का प्रभाव उभर कर सामने आया है। बच्ची की व्यथा है कि महंगाई के कारण अब गुम हो जाने पर जब वह पेंसिल मांगती है तो मां मारती है। चिट्ठी में मासूम सवाल भी है-बच्चे पेंसिल चोरी कर लेते हैं, मैं क्या करूं?
मोहल्ला बिरतिया की पांच साल की कृति दुबे अपने सवाल का जवाब भी चाहती है। इसीलिए वह यह चिट्ठी प्रधानमंत्री को भेजने की जिद किए बैठी है। छिबरामऊ के सुप्रभाष अकादमी में कक्षा एक की इस छात्रा की मां आरती का कहना है कि बेटी इस पत्र को प्रधानमंत्री के पास भेजने की जिद कर रही है। रविवार होने की वजह से डाकघर खुला नहीं था। सोमवार को वह बेटी का मन रखने को इसे प्रधानमंत्री के पास रजिस्टर्ड डाक से भेजेंगे। कृति ने कहा है कि पत्र भेजने पिता के साथ वह भी जाएगी।
मां आरती दुबे ने बताया कि शनिवार को घर में सब लोग आवश्यक वस्तुओं में जीएसटी बढ़ने से सामान महंगा होने पर बातें कर रहे थे। बेटी वहां मौजूद थी और सारी बातें सुन रही थी। इसके बाद सब काम में व्यस्त हो गए और कृति पढ़ाई करने लगी। रात में पिता विशाल दुबे के घर पहुंचने पर उन्हें अपना पत्र पढ़ाया।