इंडिगो एयरलाइंस ने एक महिला यात्री की सीट फ्लाइट में बदल दी। महिला की सीट इस कारण बदली गई, क्योंकि उन्हें हिदी या अंग्रेजी नहीं आती है। उनकी एक सहयात्री देवस्मिता चक्रवर्ती ने ट्वीट कर इस बारे में विरोध जताया। चक्रवर्ती ने ट्वीट किया, कोई गरिमा नहीं। हिंदी नहीं जानने वाली महिला को उसके ही राज्य में द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जाता है।
इसके बाद राज्य के मंत्री केटी रामाराव (केटीआर) ने इंडिगो एयरलाइंस को क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने की नसीहत दी है। मंत्री ने कहा कि एयरलाइंस उन कर्मचारियों को नियुक्त करे जो तेलुगु, तमिल, कन्न्ड़ जैसी स्थानीय भाषा बोल सकते हैं। महिला के साथ इसी विमान में यात्रा कर रही देवस्मिता चक्रवर्ती ने 17 सितंबर को ट्वीट कर कहा था कि 16 सितंबर को इंडिगो की विजयवाड़ा से हैदराबाद उड़ान 6ई 7297 में एक महिला यात्री 2ए (एक्सएल सीट, एग्जिट रो) में बैठी थी। वह सुरक्षा निर्देश को नहीं समझ सकीं, क्योंकि उन्हें हिंदी या अंग्रेजी नहीं आती है। वह केवल तेलुगु समझती है।
फ्लाइट में तेलुगु में सुरक्षा निर्देश समझाने वाला कर्मी नहीं था। इस कारण सुरक्षा का मसला बताते हुए उन्हें पीछे वाली 3सी सीट पर बैठने के लिए मजबूर किया गया था। एयरलाइन का कहना है कि सुरक्षा प्रोटोकाल के कारण महिला की सीट बदली गई है। इंडिगो ने कहा, हम क्षेत्रीय विविधता का सम्मान करते हैं। सुरक्षा प्रोटोकाल के तहत निकास द्वार पर बैठे यात्री (एग्जिट रो) किसी भी अप्रत्याशित आपातकालीन स्थिति में विमान से स्वयं बाहर निकलने और अन्य यात्रियों को सुरिक्षत निकालने में चालक दल की मदद करने में सक्षम होना चाहिए।