रायपुर, (पूनम ऋतु सेन)।नवरात्र हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है, यह श्रद्धा, आस्था और उल्लास का पर्व है। देवी दुर्गा को समर्पित यह त्यौहार 9 दिनों तक चलता है जिसमें प्रत्येक दिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। 9 दिनों तक चलने के कारण इसे नवरात्र कहा जाता है।
शारदीय नवरात्र का प्रारंभ
प्रत्येक वर्ष नवरात्र भारत में दो बार मनाया जाता है पहला चैत्र नवरात्रि और दूसरा शारदीय नवरात्रि। पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष से प्रारंभ होता है और 9 दिनों तक चलता है इस वर्ष भी 7 अक्टूबर,2021 दिन गुरुवार से प्रारंभ होकर 15 अक्टूबर,2021 दिन शुक्रवार तक नवरात्र का पर्व चलता रहेगा।
• प्रतिपदा तिथि की शुरुआत- 6 अक्टूबर 2021, शाम 4.34 से
• प्रतिपदा तिथि की समाप्ति- 15 अक्टूबर 2021, दोपहर 1.46 तक
नवरात्र का महत्व
शारदीय नवरात्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह विजयादशमी से ठीक पहले आता है। नवरात्र में पूजा करने से जीवन में धन,वैभव,यश, सम्मान प्राण-प्रतिष्ठा एवं बुद्धि-विवेक में बढ़ोतरी होती है।
घट स्थापना
नवरात्र में घट स्थापना का भी विशेष महत्व होता है नवरात्र की शुरुआत में ही घट स्थापना की जाती है घट स्थापना को कलश स्थापना भी कहते हैं इस कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाती है घर में घट स्थापना करने से सुख संपत्ति व ऐश्वर्य में वृद्धि होती है नवरात्रि के समय घट स्थापना या कलश स्थापना करना मंगलकारी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि कलर्स के मुख्य में भगवान विष्णु जी का गले में रुद्र का मूल में ब्रह्मा जी का तथा मध्य में भगवान शक्ति का निवास होता है।
आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
• 7 अक्टूबर के दिन कलश स्थापना-
शुभ मुहूर्त- सुबह 6:21से सुबह 10:13 तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:45 से दोपहर 12:32 तक