सूरजपुर । सूरजपुर जिले के भटगांव एसईसीएल के बंद पड़ी खदान में कोयला चोरी की नियत से गए दो ग्रामीणों की चट्टान धसकने से मौके पर ही मौत हो गई है।घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई और ग्रामीणों की मदद से दोनों शवों को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। इस पूरे मामले में एसईसीएल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, वही श्रमिक यूनियन के पदाधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। कोयला चोरी के लिए बदनाम भटगांव इलाका फिर से एक बार सुर्खियों में है.अवैध कोयला खदान से कोयला उत्खनन करने व चोरी के करने प्रयास में दो ग्रामीणों की मौत उनके खुद के बनाए सुरंग में छत का चट्टान गिरने से दब कर मौत के मामले ने फिर से क्षेत्र में हो रही कोयला चोरी के आरोपों को बल दिया है। गुरुवार की देर रात कई ग्रामीण एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के कई वर्षो से बंद कोयला खदान दुग्गा ओसीएम में अवैध सुरंग बना कर खदान में कोयला चुराने के लिए खुद बनाए हुए सुरंग में गए हुए थे तभी एकाएक चट्टान उन के ऊपर गिर गया जिसकी वजह से मौके पर ही दो ग्रामीण ग्राम बैजनाथपुर रामकेस्वर रजवाड़े और सुखलाल रजवाड़े की मलबे में दबने से मौके पर ही मौत हो गई, जिसकी सूचना मिलने पर भडग़ांव पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से चट्टान हटाकर दोनों ग्रामीणों का शव निकालकर रात में ही मडगांव हॉस्पिटल में रखवा दिया था जिसका आज पोस्टमार्टम कराया गया है। फिलहाल पुलिस दोनों शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच में जुट गई है। हम आपको बता दें कि जिस कोयला खदान में यह घटना हुई है वह पिछले कई सालों से बंद पड़ी है और इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन और की है। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में लंबे समय से एसईसीएल सुरक्षा विभाग और पुलिस के संरक्षण में अवैध कोयले का कारोबार चल रहा है, जिसकी वजह से अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। आरोप है कि 24 अप्रैल को भी एक ग्रामीण की मौत कोयला चोरी के दौरान दबने से हुई थी, लेकिन इस मामले को वही दबा दिया गया था। स्थानीय लोग और एसईसीएल के यूनियन के पदाधिकारी लगातार इस बात की मांग कर रहे हैं कि शासन प्रशासन के द्वारा अवैध कोयला चोरी पर प्रतिबंध लगाया जाए.ताकि इन मासूम ग्रामीणों की जान बचाई जा सके।भटगांव में कोयला चोरी कोई नई बात नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि एसईसीएल प्रबंधन के पास सुरक्षा गार्डो की एक फौज है और स्थानीय पुलिस थाने में भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती है.इसके बावजूद लगातार इस क्षेत्र में चोरी की घटनाएं आम बात है.आखिरकार सवाल यह है कि आखिर कब तक कोयला माफिया कुछ पैसों का लालच देकर इन ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे और क्यों इन कोयला माफियाओं पर पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन रोक नहीं लगा पा रहा है।