मध्य प्रदेश के मुरैना के जिला अस्पताल के बाहर का दृृश्य देखने वालों के आंखों में आंसू आ आए। लोगों ने देखा कि आठ साल का एक बच्चा अपने दो साल के भाई का शव गोद में रख कर बिलख रहा है। लोगों ने वजह पूछी तो पता चला कि शव ले जाने के लिए पिता को कोई वाहन नहीं मिल रहा है। इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। सिविल सर्जन समेत तीन डाक्टरों को नोटिस थमाया गया है।
अंबाह के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव के दो साल के बेटे राजा को नौ जुलाई को नाजुक हालत में मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान राजा ने दम तोड़ दिया। गरीब पूजाराम के साथ उसका आठ साल का बेटा गुलशन भी था। पूजाराम को बेटे का शव घर ले जाने के लिए अस्पताल से एंबुलेंस या अन्य कोई वाहन नहीं मिला। अस्पताल में खड़े एंबुलेंस के संचालकों ने एक से डेढ़ हजार रुपये मांगे, जो पूजाराम के पास नहीं थे। इसीलिए वह दो साल के राजा के शव को आठ साल के गुलशन की गोद में रखकर सस्ते किराये पर वाहन तलाशने लगा।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट कर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इसके बाद गृृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने जांच कमेटी का गठन कर तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी है। जांच कमेटी में जिला पंचायत के सीईओ रोशन कुमार सिह, सीएमएचओ डा. राकेश शर्मा को शामिल किया गया है।