प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वर्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता नहीं करेंगे। ऐसा वह यूक्रेन युद्ध और उसमें परमाणु हथियार के इस्तेमाल की पुतिन की धमकी के मद्देनजर करेंगे। यह बात अमेरिका की ब्लूमबर्ग न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कही है। वैसे मोदी और पुतिन सितंबर में उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान अनौपचारिक रूप से मिल चुके हैं। दोनों नेता यूक्रेन युद्ध और अन्य मुद्दों पर 2022 में कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं।
यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत रूसी तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमले की निदा भी नहीं की है। भारत इस मसले पर पर्याप्त दूरी भी बनाकर चल रहा है। मोदी और पुतिन की शिखर वार्ता के संबंध में पूछे गए सवाल का भारतीय विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली में रूसी दूतावास ने कोई जवाब नहीं दिया है।
ब्लूमबर्ग न्यूज ने एक रूसी अधिकारी के हवाले से कहा है कि भारत ने एससीओ समिट के दौरान उज्बेकिस्तान में ही इस वर्ष मोदी-पुतिन की वार्ता संभव न होने की जानकारी दे दी थी। विदित हो कि राष्ट्रपति पुतिन दोनों देशों की 21 वीं वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए दिसंबर 2021 में नई दिल्ली आए थे। 2022 में रूस जाने की बारी मोदी की है लेकिन अभी तक भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री के रूस दौरे का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है।