चौदहवीं विधानसभा में कानपुर की जनरलगंज सीट के विधायक रहे सलिल विश्नोई की पिटाई के मामले में विशेषाधिका हनन और सदन की अवहेलना के दोषी पाए गए कानपुर के बाबूपुरवा के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद और पांच अन्य पुलिसकर्मियों को विधानसभा में तलब कर तारीख बदलने तक (शुक्रवार रात 12 बजे) के कारावास की सजा सुनाई गई। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सजा का ऐलान किया। सभी दोषियों को विधान भवन के तृतीय तल पर स्थित लाकअप में निरुद्ध किया गया। वर्तमान में विधान परिषद सदस्य और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्नोई ने पूरी कार्यवाही राज्यपाल दीर्घा में बैठकर देखी। सजा सुनाए जाते ही भावातिरेक से उनकी आंखें छलछला गईं।
यह घटना 5 सितंबर, 2004 को सपा शासनकाल में हुई थी। तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई ने कानपुर में बिजली कटौती की समस्या को लेकर जुलूस के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे। तभी पुलिसकर्मियों ने विश्नोई और उनके समर्थकों को रोका, उनसे अभद्रता की, गालियां दीं और लाठियों से पीटा। पिटाई से विश्नोई के दाहिने पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। श्ाुक्रवार को सदन में दोषियों को सजा सुनाए जाने से पहले ही समाजवाद को लेकर मुख्यमंत्री की टिप्पण्ाी के विरोध में सपा और रालोद ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। प्रश्नपहर समाप्त होने के बाद स्पीकर के निर्देश सभी दोषी कटघरे में लाए गए। इनमें अब्दुल समद के अलावा कानपुर के किदवईनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, थाना कोतवाली के तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिह, किदवई नगर थाने के तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिह यादव और काकादेव थाने के तत्कालीन कांस्टेबल विनोद मिश्र व मेहरबान सिह यादव श्ाामिल थे। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन को न्यायालय में परिवर्तित कर दंड देने का प्रस्ताव किया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
दोषियों ने मांगी माफी : अब्दुल समद ने कातर स्वर में क्षमा याचना की, “मैं सदन में उपस्थित सभी सदस्यों का चरण स्पर्श उन्हें सादर प्रणााम करता हूं। राजकीय दायित्वों के निर्वहन में मुझसे जाने-अनजाने जो त्रुटियां हुई हैं, उसके लिए विधानसभा अध्यक्ष, सदन और सलिल विश्नोई से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।” किदवईनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत श्ाुक्ला ने भी माफी मांगी-“भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी। हम विधायकों का सम्मान करते हैं।””
तीसरे तल पर है विधानसभा का लाकअप
दोषी छह पुलिसकर्मियों को विधानसभा के तीसरे तल पर स्थित लाकअप में रखा गया। यह एक छोटा सा कमरा है। इसमें केवल दो पंखे दीवारों पर लगे हुए हैं। इन्हें बैठने के लिए प्लास्टिक की कुर्सियां भी दी गईं। बाहर से चैनल गेट भी लगा हुआ है। विधानसभा सचिवालय ने पुलिसकर्मियों को लाकअप में भोजन-पानी भी दिया। शाम को इनसे मिलने संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व महाधिवक्ता भी पहुंचे और हालचाल लिया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि यह लाकअप पहले से विधानसभा में बना हुआ है, जिसका वर्षों बाद इस्तेमाल हुआ।