अयोध्या में 22 जनवरी को मंदिर में रामलला के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लोहाघाट का वाल्मीकि समाज शंख बजा कर स्वागत करेगा। इसके लिए तीलू रोतेली पुरस्कार विजेता और स्वागतम ईजा सस्ता की अध्यक्ष रीता गहतोड़ी द्वारा वाल्मीकि समाज को शंख बजाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। समाज के लोगों का मानना है कि इस अवसर पर शंख की ध्वनि के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की खुशी मनाया जाएगा।
तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता रीता गहतोड़ी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर वाल्मीकि समाज की शंख ध्वनि अयोध्या और संसद तक गूंजेगी। इसके लिए वाल्मीकि समाज को शंख बजाना सिखाया जा रहा है। रीता ने कहा वाल्मीकि समाज हिंदू समाज का अभिन्न अंग है महर्षि वाल्मीकि के द्वारा ही रामायण लिखी गई थी। इस कार्यक्रम के द्वारा वाल्मीकि समाज के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश करी जा रही है।
आयुर्वेद और डॉक्टरों के अनुसार हृदय व फेफड़े संबंधी रोगों में शंख बजाना कारगर उपचार है। इसलिए वाल्मीकि समाज सवेरे से ही सड़कों में धूल और गंदगी के बीच काम करते हैं। इससें उन्हें फेफड़ों और गले का इन्फेक्शन हो जाता है। शंख बजाने से उनकी स्वसन क्रिया मजबूत होगी और वह निरोग रहेंगे। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
वाल्मीकि समाज के लोगों ने कहा कि ब्राह्मण होकर भी रीता दीदी उनके बीच आती है और उन्हें शंख बजाना सीखा रही है। लंबे समय से वे वाल्मीकि समाज के बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए रीता दीदी को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि अब से वह रोज शंख बजाएंगे और 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को शंख व दीप जलाकर धूमधाम से मनाएंगे।