आज महिलाओं ने अपने सुहाग के लिए और युवतियों ने मां चाह वर पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत किया। निर्जला व्रत रख कर महिलाओं ने शिव जी की पूजा की।
इस व्रत में महिलाएं माता गौरी से सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगती हैं। इसलिए विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
सिर से लेकर पैर तक महिलाओं ने शृंगार कर किया। इस दिन सुहागिन महिलाओं के लिए सजने संवारने का अपना महत्व होता है। शिव और पार्वती माँ की प्रतिमा घर मे रख एक से बढ़ कर एक फुलेरा सजाए गए। सुगंधित फूलों से महिलाओं ने फुलेरा तैयार किया।
चार पहर की पूजा की
चार पहर तीज की पूजा की गई। पहले पहर की पूजा के समय ही देवी पार्वती और शिव जी की स्थापना की गई। इनके बाद महिलाओं ने मूर्ति के ऊपर फुलेरा सजाया गया। शिव जी को प्रिय धतूरा, आक का फूल चढ़ा कर वरदान मांगा। वही पार्वती माँ में शृंगार का सामान अर्पित कर पूजा को पूर्ण किया ।