भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने और अन्य देशों को निर्यात के लिए पांच भारतीय कंपनियां सैन्य ग्रेड के अत्यधिक ठंड के मौसम के कपड़ों की प्रणाली (एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग सिस्टम) का उत्पादन करेंगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इन पांचों कंपनियों को इसकी तकनीक सौंप दी।
तीन लेयर वाले एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग सिस्टम को 15 डिग्री सेंटीग्रेट और माइनस 50 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच के तापमान में थर्मल इंसुलेश्ान प्रदान करने के लिहाज से डिजायन किया गया है।
डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में पांचों कंपनियों को इसकी तकनीक सौंपी। भारतीय सेना को ग्लेशियर और हिमालय की चोटियों पर अपने लगातार अभियानों के लिए इन क्लोथिंग सिस्टम की जरूरत होती है। अभी तक सेना ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात अपने जवानों के लिए एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोथिंग, कई स्पेशल क्लोथिंग और पर्वतीय उपकरणों का आयात करती रही है। तकनीक सौंपने के मौके पर रेड्डी ने स्पेशल क्लोथिंग और पर्वतीय उपकरणों के लिए स्वदेशी औद्योगिक आधार विकसित करने की जरूरत पर बल दिया, ताकि सेना की वर्तमान जरूरतों को पूरा किया जा सके और इसके निर्यात की संभावनाओं का लाभ उठाया जा सके।