नई दिल्ली ।नए साल के पहले दिन खत्म हुए कारोबारी हफ्ते में शेयर मार्केट ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बाजार में लगातार 9वें हफ्ते बढ़त रही। इससे पहले अप्रैल 2010 में इतनी लंबी वीकली बढ़त दर्ज की गई थी। निफ्टी भी पहली बार 14 हजार पॉइंट के ऊपर बंद हुआ। 1 जनवरी, 2021 को सेंसेक्स 117.65 पॉइंट ऊपर चढ़कर 47,868.98 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इंडेक्स 47,980.36 तक पहुंचा। एसबीआई,टीसीएस एचडीएफसी टेक और रिलायंस के शेयर्स में बढ़त रही। एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई है कि अगले हफ्ते सेंसेक्स 48 हजार का रिकॉर्ड लेवल छू सकता है। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पहली बार 189.26 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा। चौतरफा तेजी के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (इरए) पर 3,170 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 2,043 यानी 64 प्रतिशत के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी ने भी शुक्रवार को नया रिकॉर्ड बनाया। यह 36.75 अंक ऊपर चढ़कर पहली बार 14,018.50 पर बंद हुआ। इंट्राडे में इंडेक्स 14,049.85 तक पहुंचा। अदाणी पोर्ट का शेयर 4.39 प्रतिशत ऊपर 505 रुपए पर बंद हुआ।
साल 2021 के पहले दिन महंगा हुआ सोना, चांदी भी उछली
आज नए साल के पहले दिन सोने और चांदी की वायदा कीमतों में तेजी आई। हालांकि, यह इजाफा ज्यादा नहीं है। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.09 फीसदी बढ़कर 50,198 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया। जबकि चांदी वायदा 0.14 फीसदी बढ़कर 68,200 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई। भारतीय बाजारों में सोने और चांदी दोनों ने वर्ष 2020 में मजबूत वार्षिक लाभ अर्जित किया। वैश्विक कीमतों के अनुरूप सोना 27 फीसदी और चांदी करीब 50 फीसदी बढ़ी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 2021 में सोने की कीमत 65,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है, वहीं चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम 90,000 रुपए तक हो सकती है। आपको बता दें कि 2020 में भी सोने और चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। इस साल सोना निवेशकों को 27 फीसदी और चांदी ने करीब 50 फीसदी रिटर्न दिया है।
सेबी ने लगाया मुकेश अंबानी पर 40 करोड़ का जुर्माना
नई दिल्ली: शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके चेयरमैन मुकेश अंबानी पर 40 करोड़ रुपए का जुमार्ना लगाया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 25 करोड़ और अंबानी पर 15 करोड़ रुपए का जुमार्ना लगाया गया है। मामला रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों की ट्रेडिंग से जुड़ा है। इसी मामले में नई मुंबई एसईजेड प्राइवेट लिमिटेड पर 20 करोड़ और मुंबई एसईजेड लिमिटेड पर 10 करोड़ रुपए का जुमार्ना लगाया गया है। रिलायंस पेट्रोलियम पहले अलग लिस्टेड कंपनी थी। मार्च 2007 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिलायंस पेट्रोलियम के 4.1 प्रतिशत शेयर बेचने का ऐलान किया था। कंपनी के शेयर भाव गिरने लगे तो नवंबर 2007 में रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर खरीदे-बेचे गए। सेबी ने जांच में पाया कि शेयरों के दाम प्रभावित करने के लिए यह खरीद-बिक्री गलत तरीके से की गई थी। गौरतलब है कि रिलायंस पेट्रोलियम का 2009 में रिलायंस इंडस्ट्रीज में विलय कर दिया गया था। सेबी ने 95 पेज के आॅर्डर में कहा है कि शेयरों की कीमत में किसी भी तरह के मैनिपुलेशन से बाजार में निवेशकों का भरोसा टूटता है, क्योंकि इस तरह के मैनिपुलेशन से निवेशकों को नुकसान होता है। सेबी के अनुसार, इस मामले में आम निवेशकों को यह नहीं मालूम था कि शेयरों की इस खरीद-बिक्री के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज थी। यह खरीद-बिक्री गलत तरीके से की गई, जिसका असर रिलायंस पेट्रोलियम के शेयरों पर हुआ। इससे आम निवेशक नुकसान में रहे।