बालोद। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले के सुरेगांव थाना अंतर्गत एक गांव में नाबालिग बालक के विवाह की सूचना मिलने पर उसके विवाह को रुकवाया गया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी (बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) गुण्डरदेही, तहसीलदार अर्जुन्दा, थाना प्रभारी सुरेगॉव, बाल संरक्षण इकाई, चाईल्ड लाईन बालोद, सेक्टर सुपरवाईजर, अंागनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन, ग्राम पंचायत के पंच की संयुक्त रेस्क्यू दल द्वारा नाबालिक बालक के घर पहुंचकर उसकी उम्र संबंधी दस्तावेज का सत्यापन किया गया। सत्यापन में बालक की उम्र 19 वर्ष 3 माह पाई गई। उन्होंने बताया कि दल द्वारा बालक के परिवार को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी के साथ ही विवाह के समय वर की आयु 21 वर्ष से अधिक एवं वधु की आयु 18 वर्ष से अधिक होने की जानकारी दी गई। बाल विवाह से संबंधित पंचनामा कर बालक के परिजन से घोषणा पत्र लिया गया व बालक के बालिग होने के उपरांत ही विवाह किए जाने की समझाईश दी गई। उन्होंने बताया कि परिवारजनों द्वारा बालक के बालिग होने के उपरांत विवाह किए जाने की सहमति दी गई।्र