महिला जज के विरुद्ध टिप्पणी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेश हुए और कहा कि वह जज से माफी मांगने को तैयार हैं। पूर्व पीएम द्वारा ऐसी इच्छा व्यक्त करने बाद हाई कोर्ट ने उनके विरुद्ध अवमानना की प्रक्रिया स्थगित कर दी। कोर्ट ने इसके साथ ही निर्देश दिया है कि वह तीन अक्टूबर तक लिखित में माफीनामा दाखिल करें।
माना जा रहा था कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधारी के विरुद्ध विवादित टिप्पणी करने के मामले में हाई कोर्ट पूर्व पीएम इमरान पर अवमानना की कार्यवाही में आधिकारिक रूप से अभियोग लगा सकती थी। दरअसल, बीते 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान ने अपने करीबी सहयोगी शहबाज गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर उनका उत्पीड़न करने के लिए महिला जज, दो शीर्ष पुलिस अधिकारियों व चुनाव आयोग के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी थी।
भाषण के घंटे भर के भीतर इमरान पर आतंक निरोधी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। वहीं, गिल के पुलिस रिमांड को चुनौती देने की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आमेर फारूक ने इमरान के विरुद्ध तुरंत अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने इमरान को दो बार लिखित उत्तर देकर संतुष्ट करने का मौका दिया लेकिन वह इसमें विफल रहे थे।
50 करोड़ रुपये से कम के मामले की जांच अब नहीं करेगी एनएबी
पाकिस्तान का भ्रष्टाचार निरोधी निकाय अब 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से कम के मामले की जांच नहीं करेगा। भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने वाली नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के चेयरमैन आफताब सुल्तान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। एनएबी की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया कि वह ऐसे मामले को भी अपने हाथ में नहीं लेगी जिसमें 100 से कम लोग प्रभावित होंगे।