अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय क्षेत्र की जासूसी करने के लिए लगातार पाकिस्तानी ड्रोन घुस रहे हैं। पाकिस्तान की हरकत पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान नजर रखे हुए हैं। हाल में ही घुस आए ड्रोन बीएसएफ की फायरिग के बाद भाग गए। सीमा पार से ड्रोन की यह घुसपैठ ऐसे समय में हुई है जब जम्मू स्थित वायुसेना के टेक्निकल एयरपोर्ट पर ड्रोन धमाके के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट है। प्रदेश के भीतरी इलाकों में लोगों के पास मौजूद ड्रोन का आंकड़ा जुटाया और प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य मामलों के महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर की बातचीत के बाद संघर्ष विराम समझौते पर फिर अमल के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान ने एक दो बार गोलाबारी की है, लेकिन नियंत्रण्ा रेखा पर चार माह से शांति बनी हुई है। संघर्ष विराम समझौते पर अमल की इस साल 25 फरवरी को सहमति बनी थी। इसके बाद से पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ पर पूरी तरह अंकुश लग गया है। इससे पाकिस्तान बेचैन है। उस पर आतंकियों की घुसपैठ का दबाव है। इसलिए भारतीय क्षेत्र की रेकी करने के लिए ड्रोन की घुसपैठ कराई है।
पाकिस्तानी रेंजरों ने ड्रोन की यह घुसपैठ जम्मू जिले में अरनिया सेक्टर की जब्बोवाल पोस्ट के पास कराई है। ड्रोन जैसे ही भारतीय क्षेत्र में घुसा तो बीएसएफ की 42 वाहनी के जवानों ने उसे निश्ााना बनाते हुए फायरिग कर दी। तकरीबन 20 गोलियां दागी गईं। इसके बाद ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र में वापस भाग गया।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यह छोटा क्वाडकापर था, जो अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस रहा था। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने उसे फायरिग कर वापस भगा दिया है। इसकी घुसपैठ भारतीय क्षेत्र की जासूसी करने के इरादे से की गई थी।
वायुसेना के जम्मू स्थित एयरपोर्ट पर रविवार (27 जून) की रात को ड्रोन से हमला किया गया था। देश में सैन्य प्रतिष्ठान पर ड्रोन से पहला आतंकी हमला था। इसके बाद भी जम्मू में भारतीय सेना के कालूचक, रतनूचक, सुजुवां आदि क्षेत्रों में सेना के ब्रिगेड मुख्यालयों पर ड्रोन मंडराते देखे गए थे।