उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में सीबीआई को जांच के दौरान कुछ अहम सुराग मिले हैं। बताया जाता हैं कि जांच के दौरान इस कांड के आरोपी लवकुश के घर से ‘खून’ से सने कपड़े मिलने की खबर चर्चा में है। हाथरस केस में सीबीआई की टीम ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। बीते दो-तीन दिनों से सीबीआई की टीम हाथरस में पीड़िता के गांव में डेरा जमा कर बैठी है और सुराग इकट्ठा करने को लगातार पूछताछ कर रही है।
इसी कडी में गुरुवार को सीबीआई ने हाथरस कांड के आरोपी लवकुश के घर छापेमारी की। इस दौरान परिजनों से कुछ पूछताछ के साथ ही पूरा घर खंगाला गया। करीब ढाई घंटे तक चली इस तलाशी में सीबीआई की टीम को लवकुश के घर से ‘खून’ से सने कपड़े मिले हैं, मगर आरोपी के परिवार का कहना है कि कपड़े पर खून नहीं, बल्कि पेंट वाला लाल रंग लगा हुआ है। इसे सीबीआई टीम अपने साथ ले गई है।
सीबीआई ने आरोपी लवकुश के घर को खंगाला। इसके बाद लाल धब्बे से सने कपड़े टीम अपने साथ लेकर गई है। लवकुश के घर से मिले इन कपड़ों पर आरोपी के भाई ने बताया कि जो कपड़े सीबीआई की टीम लेकर गई है, वह लवकुश के बड़े भाई रवि के है। लवकुश के भाई ललित ने बताया कि हमारे यहां से सीबीआई कपड़े लेकर गई है। हमारे बड़े भाई डेंटिंग-पेंटिंग का काम करते हैं। उनके कपड़ों पर लाल रंग लगा था सीबीआई की टीम को लगा कि यह खून है और वो उन कपड़ों को अपने साथ ले गई है। ललित ने बताया कि हमारे घर सीबीआई की टीम दो से ढाई घंटे रुकी थी और हमसे कोई पूछताछ नहीं की।
इससे पहले गुरुवार को हाथरस केस की जांच के तीसरे दिन सीबीआई की टीम ने चारों आरोपियों के घर पहुंचकर उनके परिवार के लोगो से पूछताछ की। टीम सबसे पहले आरोपी लवकुश के घर पहुंची थी, जहां उन्होंने करीब तीन घंटे तक आरोपी के परिवार वालों से पूछताछ की। बता दें कि सीबीआई टीम के पहुंचने की सूचना पर पुलिस ने आरोपियों के घर की सुरक्षा बढ़ा दी थी।
वहीं, बुधवार को सीबीआई की टीम ने पीड़िता के पिता और दोनों भाइयों से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की थी। सूत्रों के अनुसार पहले तीनों से अलग-अलग सवाल पूछे गए। तीनों के लिए सवालों की लिस्ट पहले से ही टीम ने तैयार कर रखी थी। इसके बाद तीनों से पूछताछ के आधार पर सभी का एक साथ बैठाया गया। इस दौरान तीनों से सवाल-जवाब किए गए। इस मैराथन पूछताछ की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई जा रही है।
हाथरस कांड में आज यानी शुक्रवार को एसआईटी अधिकारियों को पूरे 17 दिन हो जायेंगे। अधिकारियों ने गांव के कुछ लोगों से बातचीत की। उसके बाद सारा रिकॉर्ड एकत्रित किया। एसआईटी 30 सितंबर से केस की जांच पड़ताल कर रही है। एसआईटी प्रमुख रुप से पुलिस की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में कहां कमियां छोड़ी है। इसलिए पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को कई-कई बार एसआईटी के सामने पेश होकर बयान देने पड़े हैं, एसआईटी 17 अक्टूबर के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।