आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से पांच लाख रुपये सीबीआइ को देने के आदेश दिए गए हैं। ऐसा पहली बार होगा कि सीबीआइ को हर्जाना मिलेगा।
यही नहीं, अदालत ने चौटाला की सिरसा, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला की संपत्तियों को सीज करने का भी आदेश दिया है। सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा के पांच बार सीएम रह चुके 87 वर्षीय चौटाला को कोर्ट रूम से ही हिरासत में लिया गया। उधर ओपी चौटाला के पुत्र एवं विधायक अभय चौटाला ने कहा कि वे फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
अपने पोते अर्जुन के साथ पूर्व सीएम चौटाला अदालत पहुंचे। फैसला सुनने के दौरान वे लगातार हाथ जोड़ कर बैठे रहे। इस दौरान उनके चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी। मामले की सुनवाई लंबी चली। इस दौरान चौटाला 15 महीने 20 दिन न्यायिक हिरासत में रहे। इस अवधि को मूल सजा में कम किया जाएगा। ऐसे में चौटाला को केवल दो साल आठ माह और दस दिन ही जेल में रहना होगा। करीब 11 महीने बाद एक बार फिर ओपी चौटाला को तिहाड़ जेल जाना पड़ा। उन्हें उसी जेल संख्या दो में जगह मिली है, जहां वे पहले बंद थे। गौरतलब है कि पिछले वर्ष दो जुलाई को ही ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले के मामले में दस साल की कैद काट कर रिहा हुए थे।