स्वामी आत्मानंद ने मानवता की सेवा के लिए पूरा जीवन छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने निस्वार्थ रूप से युवाओं को करुणा और दूसरों की सेवा करने की शिक्षा देकर प्रेरित करने का काम किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षण संस्थानों की परिकल्पना की, जिनमें निजी स्कूलों के समान उत्कृष्ट सुविधाएं तो हों, लेकिन समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के माता-पिता के लिए भी यह सुलभ और वहन करने योग्य हो। उन्होंने ऐसे शिक्षण संस्थान का नाम स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल देकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की।
इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए पुराने पूर्व शासकीय विद्यालयों को भी इसी योजना में शामिल किया गया। इन पूर्वस्थापित स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया। कक्षाओं को नया रंग, स्मार्ट बोर्डों नए कम्फर्ट बैच वर्कस्टेशन लगाए गए। प्रयोगशालाओं में भी आधुनिक विज्ञान उपकरण उपलब्ध करवाए गए। इसके बाद नवंबर 2020 को राज्य दिवस को चिह्नित करने के लिए योजना का अनावरण किया गया। स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक विकास तक पहुंच के साथ किसी देश की प्रगति का आकलन करने में शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है। एक राष्ट्र विभिन्न तरीकों से शिक्षा में निवेश से अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद एक्सीलेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में इतना बड़ा निवेश किया कि आने वाली कई पीढ़ियों को इसका लाभ मिलेगा। यह स्कूल छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित अंग्रेजी माध्यम स्कूल की एक श्रृंखला है । स्कूल पूरी तरह से स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वित्त पोषित है। 8वीं कक्षा तक शिक्षा नि:शुल्क है, उसके बाद 12वीं कक्षा तक भी नाममात्र की फीस है। नवंबर 2022 तक शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों की उच्च योग्य टीमों सहित 279 स्कूल खोले गए हैं, जो प्रत्येक छात्र के समग्र विकास और उनके जुनून का पालन करने का मौका देने की गारंटी देते हैं। इस स्कूल शिक्षक की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अंग्रेजी माध्यम के प्रशिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया था।
इसके अलावा, विषय-विशिष्ट विशेषज्ञता वाले अनुबंध शिक्षकों को काम पर रखा गया था। स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना ने राज्य में शिक्षा संरचना और बुनियादी ढांचे को सकारात्मक रूप से बदल दिया है। यहां के छात्रों को महानगर के निजी स्कूलों की तरह वृद्धि और विकास के सभी अवसर मुफ्त दिए जा रहे हैं। इसके कारण राज्य के ग्रामीण और वन जिलों में उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे और शिक्षा की पहुंच हो गई है। बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने के लिए स्कूल एक अच्छी लाइब्रेरी, खेल मैदान, व्यावहारिक प्रयोगशाला और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी और देशी भाषा और संस्कृति के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए हिंदी में पढ़ाई जाने वाले आत्मानंद विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। स्थानीय बोलियों को भी पाठ्यक्रम शामिल है, ताकि छात्र अपनी संस्कृति, रीति-रिवाजों और पहचान पर गर्व कर सकें। वर्तमान में 279 विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से 247 अंग्रेजी माध्यम में और 32 हिन्दी माध्यम में हैं।