भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की कोरोनारोधी वैक्सीन कोवैक्सीन (बीबीवी152) डेल्टा प्लस वैरिएंट (एवाई.1) के खिलाफ कारगर है। यह दावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की ओर से प्रकाशित बायोरक्सिव में एक अध्ययन के माध्यम से कही गई है।
इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि आइजीजी एंटीबाडी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें पाया गया है कि कोवैक्सीन की दोनों डोज लेने लोगों में कोविड-19 की आशंका खत्म हो गई है। इसमें डेल्टा, डेल्टा प्लस और बी.1.617.3 के खिलाफ कोवैक्सीन का मूल्यांकन किया गया। सार्स-सीओवी-2 का वैरिएंट बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण्ा भारत में दूसरी लहर आई है। कोवैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है।
इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया। अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 यानी डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आए।
भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीणामों को पूरी करते हुए कहा था कि यह वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी रही थी।