रायपुर। राजधानी में पुलिस नशीली दवाओं की तस्करी में महाराष्ट्र और ओडिशा के बाद अब दिल्ली और यूपी के नेटवर्क का पता चला है। दिल्ली और यूपी के कुछ बड़े दवा कारोबारियों की सीधे फैक्ट्रियों से सांठगांठ है। वे नंबर 2 यानी बिना रिकार्ड के नशीली दवा फैक्ट्री से मंगवाकर छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में में सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस की टीम जल्द ही वहां छापेमारी की तैयारी में है। रायपुर पुलिस पिछले दो महीने में 35 से ज्यादा तस्करों को जेल भेज चुकी है। इसी कार्रवाई के दौरान पता चला कि महाराष्ट्र, ओडिशा के अलावा यूपी और दिल्ली से बड़े पैमाने पर नशीली सिरप व टेबलेट की यहां तस्करी की जा रही है। दिल्ली से कुछ बड़े दवा कारोबारी नशीली दवाइयों का रैकेट चला रहे है। इसी रैकेट से जुड़े टाटीबंध की फार्मा कंपनी के डायरेक्टर को पुलिस ने करीब छह माह पहले गिरफ्तार किया था। वह अभी भी जेल में बंद है। पिछले तीन महीने से पुलिस दो दवा कारोबारियों की तलाश में पुलिस महाराष्ट्र और ओडिशा में अलग-अलग जगह पर छापे मार चुकी है, लेकिन कारोबारी नहीं मिले। इस बार उनके दिल्ली में होने का पता चला है। पुलिस वहां छापे की तैयारी कर रही है। पुलिस को दोनों राज्यों में तस्करों का पुख्ता क्लू मिला है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोई भी तस्कर रायपुर में सीधे टेबलेट या सिरप की सप्लाई नहीं कर रहा है। राजधानी से लगे आसपास के शहरों में दवाओं का स्टॉक डंप किया जा रहा है। वहां से चोरी छिपे थोड़ा-थोड़ा रायपुर लाकर यहां नशे के शौकीनों को दोगुनी-तिगुनी कीमत पर बेचा जा रहा है। पुलिस को झांसा देने तस्कर बाइक और लग्जरी गाडिय़ों का उपयोग कर रहे हैं। बाइक में सप्लायर बस्तियों व मोहल्ले में आसानी से सप्लाई करते हैं। पुलिस को जो इनपुट मिला है उसके अनुसार हर इलाके में नशीली दवाइयों के तस्करों के एजेंट है। उन्हें पार्सल बनाकर दवाइयां छोड़ी जा रही है। बिक्री एजेंटों के माध्यम से करवायी जा रही है। एजेंट दो से तीन गुना दाम में बेचते हैं। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि नशीली दवाइयों के तस्करों के चेन को तोडऩे के लिए प्रशिक्षु आईपीएस और साइबर सेल की टीम को स्पशेल टास्क दिया गया है। पुलिस का फोकस नशीली दवाइयों के अंतिम कड़ी तक पहुंचना है, ताकि पूरी चेन को तोड़ा जा सके। इसलिए सबसे अंतिम पंक्ति के लोगों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। अंतिम पंक्ति वाले ही लोगों तक सीधे दवाइयां पहुंचा रहे है। वे लोगों के घरों में जाकर दवाइयां बेच रहे हैं। इसमें महिलाएं और नाबालिग भी शामिल हैं। महिलाएं और नाबालिग दवाइयों की तस्करी के साथ खुद भी उसका सेवन कर रहे हैं।