यूरोपीय यूनियन (ईयू) में लागू विश्वास भंग करने वाले एक कानून के तहत गूगल पर लगे 2.42 अरब यूरो (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) के जुर्माने को उच्च अदालत ने कायम रखा है। यूरोप की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ने ईयू की प्रतिद्वंद्विता प्रमुख मारग्रेट वेस्टेजर द्वारा लगाए गए अर्थदंड को कायम रखा है। वेस्टेजर ने यह जुर्माना दुनिया के सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल द्वारा 2017 में लागू की गई शापिंग सर्विस के लिए लगाया है। इस सर्विस के चलते यूरोप की छोटी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
प्रतिद्वंद्विता प्रमुख ने गूगल के इस आचरण को स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता के नियमों के खिलाफ माना। इस नियम के लिए प्रतिद्वंद्विता प्रमुख ने पहले भी गूगल को चेताया था। इस पर तकनीक दिग्गज ने चरणबद्ध तरीके से इसे हटाने का आश्वासन दिया था। गूगल पर विश्वास भंग करने के एक अन्य मामले में पिछले दशक में भी यूरोप में 8.35 अरब यूरो (70,800 करोड़ रुपये) का अर्थदंड लगा था। वेस्टेजर इस समय अमेरिकी दिग्गज कंपनियों अमेजन, एपल और फेसबुक के खिलाफ मामलों की जांच भी कर रही हैैं।
ईयू की जनरल कोर्ट ने प्रतिद्वंद्विता आयोग के फैसले के खिलाफ गूगल की अपील को नामंजूर कर दिया। बाजार में अपनी हैसियत का गलत फायदा उठाने के लिए गूगल को दोषी पाने के प्रतिद्वंद्विता प्रमुख के फैसले को बनाए रखा। अभी गूगल के पास इस मामले में ईयू की कोर्ट आफ जस्टिस में अपील का अधिकार है।
ईयू की जनरल कोर्ट ने प्रतिद्वंद्विता आयोग के फैसले के खिलाफ गूगल की अपील को नामंजूर कर दिया। बाजार में अपनी हैसियत का गलत फायदा उठाने के लिए गूगल को दोषी पाने के प्रतिद्वंद्विता प्रमुख के फैसले को बनाए रखा। अभी गूगल के पास इस मामले में ईयू की कोर्ट आफ जस्टिस में अपील का अधिकार है।