नई दिल्ली। किसानों के आंदोलन का आज 28वां दिन है, लेकिन अब तक कोई बात नहीं बनी है. सरकार अपने इरादे पर अडिग है तो किसान तीनों नए कानून वापस लेने की मांग पर डटे हैं. सरकार ने एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर किसान आज विचार करेंगे. वहीं देश के किसानों का दिल्ली कूच अभियान जारी है।
किसानों की खुशहाली के लिए कदम उठा रही है सरकार-योगी
किसान दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसान ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए देश की किसी भी जगह अपनी उपज को बेच सकता है. हम निरंतर किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का काम कर रहे है, केंद्र की सरकार भी दिन रात लगी है, हम किसानों के सम्मान के लिए हर कदम उठा रहे हैं.
-किसानों ने बनाई पांच सदस्यों की कमेटी
संयुक्त किसान मोर्चा ने पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में प्रेम सिंह भंगू, हरेंद्र सिंह लक्खोवाल और कुलदीप सिंह शामिल हैं. किसान नेताओं की यह कमेटी तय करेगी की सरकार से जो प्रस्ताव बातचीत का मिला है, उस पर बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो. यह पांच सदस्यीय कमेटी सरकार के प्रपोजल को लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी और उसके बाद उस ड्राफ्ट को लेकर 40 किसान नेताओं की मीटिंग होनी है. उस मीटिंग में इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग आज दोपहर 2 बजे होगी. इस मीटिंग में यह फैसला लिया जाएगा कि सरकार से बातचीत हो या नहीं और अगर हो तो उसकी रूपरेखा क्या हो.
–राकेश टिकैत बोले- हम बातचीत के लिए तैयार हैं
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज एक महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती है. इसे किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है. कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत से ही सुलझेगा. अगर सरकार चाहती है तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हम कानून में संशोधन नहीं वापसी चाहते हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ब्रिटिश पीएम को चि_ी लिखना हमारा एजेंडा नहींं है और न हम चाहते हैं कि वह किसानों का मसला सुलझने तक भारत न आएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजनेसमैन से कह रहे हैं कि कृषि कानून बहुत अच्छे हैं, लेकिन वह किसानों के बीच नहीं आ रहे हैं.
– सरकार संवेदनशीलता के साथ किसानों से कर रही है बात: राजनाथ
किसान दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान दिवस पर मैं देश के किसानों को शुभकामनाएं देता हूं. उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान की है. कुछ किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनसे बातचीत कर रही है. मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही अपना आंदोलन समाप्त करेंगे.