रायपुर। संतान की लंबी उम्र और सुख की कामना करते हुए रविवार को महिलाओं के हरछठ की पूजा की। यह पूजा समूह में सगरी खोद कर की जाने की परंपरा है लेकिन कोरोना के कहर को देखते हुए ज्यादातर महिलाओं ने घरों में ही पूजा की।
हलषष्ठी का व्रत संतान की दीर्घायु और संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। लोगों ने घरों में ही अप्राकृतिक तालाब बना कर पूजा की। कुछ ने बड़े गमले को ही सगरी का रूप दे कर पूजा सम्पन्न की। हलषष्ठी माता को मुनक्का, लाई, पासहर चावल, भाजी, भैस का दूध, दही और घी अर्पित कर माताओं ने संतान की रक्षा करने की कामना की।