रायपुर। कोण्डागांव के नारियल से बनी मिठाई की मिठास जल्द ही जिले में फैलने वाली है। कोण्डागांव की जलवायु नारियल की खेती के अनुरूप है और यहां स्थानीय स्तर पर उपलब्धता होती है। यही कारण है कि कोपाबेड़ा स्थित नारियल विकास बोर्ड द्वारा स्थानीय कृषकों को नारियल की खेती के लिये आगे बढ़ाया जा रहा है। सही कारण है कि कोण्डागांव में अब नारियल से बनी मिष्ठान बनाने का जिम्मा अब स्वसहायता समूह को दिया जाएगा। इसके लिए नारियल बोर्ड से प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर संध्या देवांगन एवं रानी देवांगन द्वारा बिहान की महिला समूह को नारियल की बर्फी, लड्डू एवं केक बनाने का प्रशिक्षण ग्राम बड़ेकनेरा एवं बोलबोला की 30 महिलाओं को दिया जा रहा है। इसके अलावा इन मिठाईयों के निर्माण के बाद इसे बचने की भी तैयारी की जाएगी। महिलाओं को न सिर्फ मिठाई बनाने बल्कि उसके पेकेजिंग और मार्केटिंग के पहलुओं के बारे में भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
प्रशिक्षण ले रही महिलाओं के अनुसार मिठाई बनाने काफी आसान है। इसे व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ाने भी कठिन नही होगा। बिहान समूह की महिलाओं को न केवल मिठाई बल्कि अचार, चिप्स, चॉकलेट बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस संबंध में कलेक्टर ने बताया कि नारियल स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद होता है। सबसे बड़ी खास बात यह है कि नारियल से बनी मिठाईयों में मिलावट की संभावना नहीं होती। होगा इससे इस व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं को अपने पैरों में खड़े होने का मौका मिलेगा और उनकी आय में बढ़ौतरी होगी। इन सभी समाग्री को बेचने के लिए बाजार तक लाने की व्यवस्था भी की जाएगी।