रायपुर। (महिमा पाठक), डॉक्टर एक ऐसा पेशा है जिसमे हर दिन जीवन में अलग अनुभव होते हैं। लोगों की शारीरिक परेशानी के साथ आर्थिक परेशानी को भी कोई डॉक्टर अपना समझे यह बड़ी बात है। डॉक्टर शिल्पा चौरसिया कुछ इसी सोच के साथ लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हैं, उनकी माने तो गरीबी बहुत सारी चुनौती ले कर आती है ऐसे में अगर उन मरीजों को आर्थिक परेशानी के कारण इलाज न मिले तो यह और भी तकलीफदायक होता है।
डॉक्टर शिल्पा आईवीएफ एक्सपर्ट हैं। यह इलाज अपने आप में काफी महंगा होगा है। लोगों को निहसंतान होने का दुख यह देख कर नही आता कि वह इस महंगे खर्च को उठा सकते हैं की नही। ऐसा में लोगो को बिना फीस के इलाज कर इन्हे मातृत्व का सुख देने का बीड़ा उन्होंने उठाया है। डॉक्टर शिल्पा के अनुसार स्वाभाविक रूप से मां नही बन पाने वाली महिलाओं को आईवीएफ और आईयूआई पद्धति के जरिए गर्भधारण कराया जाता है, केस को देखते हुए इसमें हजार से लाखों रुपए तक का खर्च आता है। कोरोना काल में ऐसे कुछ केस आए जो आर्थिक रूप से उतना खर्च करने में सक्षम नहीं थे, ऐसे में मैंने अपने तरफ से उनका इलाज शुरू किया और उसमे सफलता भी मिली। उनकी फीस माफ करने के साथ साथ इलाज में होने वाले कई खर्च को माफ किया। कई केस ऐसे थे जिसमे लोग दवाओ का भी खर्च नहीं उठा पाते थे उन्हें अपने पास से दवाओं तक का इंतजाम कर मदद की। डॉक्टर कहती हैं कि पैसे कमाना ही अब कुछ नही होता एक औरत का जीवन मां बनने के बाद ही पूरा होता है और मेरी कोशिश यही होती है कि मैं हर औरत को यह खुशी दूं। कई लोग आते हैं जो गरीबी के कारण इस इलाज को करने की हिम्मत नही कर पाते उनकी छोटी बड़ी मदद करना मुझे अच्छा लगता है।
भावनात्मा रूप से जुड़ जाते हैं लोग
डॉक्टर शिल्पा की माने तो लोग भावनात्मक रूप से हमसे जुड़ जाते हैं ऐसा में मरीज की जिम्मेदारी हमारी हो जाती है। बच्चे के जन्म का कोई समय नहीं होता हमें 24 घंटे अलर्ट होना रहता है पता नहीं किस समय हमें कोई मरीज की मदद के लिए खड़े होना पड़े। कई बार आधी रात के भी मरीज की तकलीफ को देखते हुए घर से बाहर निकलता पड़ता है, लेकिन इस पेशे में खुद के सुख से ज्यादा मायने लोगों की तकफीफ दूर करना मायने रखता है।