राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपिता बताने पर आल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी को सर तन से जुदा करने की धमकी मिली है। धमकी भरे ये फोन इंग्लैड तक से आ रहे हैं। इंग्लैंड में हाल ही में कट्टरपंथियों ने मंदिरों और हिंदुओं को निशाना बनाया था। इलियासी को पिछले एक सप्ताह में पाकिस्तान समेत देश के कई हिस्सों से सैकड़ों धमकी भरे फोन काल आ चुके हैं। इस संबंध में दिल्ली के तिलक मार्ग थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इलियासी ने एहतियातन अपने सारे सार्वजनिक कार्यक्रम रद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे धमकियों से झुकने वाले नहीं हैं। देश में सद्भावना बढ़ाने के काम और संघ प्रमुख संबंधी बयान वापस नहीं लेंगे। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी गृह सचिव व दिल्ली पुलिस के आयुक्त को भी दी है। उन्होंने बताया कि पीएफआइ पर प्रतिबंध का समर्थन करने के कारण भी वह कट्टपंथियों के निशाने पर हैं।
गौर हो कि 22 सितंबर को सरसंघचालक मोहन भागवत, सहसरकार्यवाह डा. कृष्णगोपाल, अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल और वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार इलियासी से मिलने कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे, जहां इमाम का परिवार रहता भी है। इसके बाद सरसंघचालक ने इलियासी के साथ बाड़ा हिंदूराव स्थित मदरसा जाकर छात्रों से संवाद किया था। इलियासी ने संघ प्रमुख की इस पहल को धार्मिक सौहार्द की दिशा में ऐतिहासिक बताते हुए उन्हें राष्ट्रपिता बताया था। उनका कहना था कि भागवत प्रचारक हैं और देश-समाज की सेवा के लिए जीवन समर्पित कर दिया है। इसलिए वे राष्ट्रपिता हैं। इलियासी का यह बयान राजनीति के एक धड़े और कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया है।