जर्मनी की राजधानी बर्लिन के बाजार में बुधवार को 29 वर्षीय युवक ने भीड़ पर कार दौड़ा दी। इस हादसे में एक शिक्षिका की मौत हो गई जबकि 14 स्कूल छात्र-छात्राएं घायल हो गए। घायलों में छह की हालत चिंताजनक है। सभी घायल 16-17 वर्ष की आयु के हैैं। पुलिस ने जर्मन-आर्मेनियाई मूल के युवक को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। आतंकी हमला होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया गया है।
घटना द्वितीय विश्वयुद्ध के समय क्षतिग्रस्त हुए कैसर विहेलम मेमोरियल चर्च के नजदीक की है। जान-बूझकर की गई वारदात में ड्राइवर ने दो बार कार भीड़ के बीच दौड़ाई। इसके बाद वह एक दुकान की खिड़की से टकराकर रुक गई। इस बीच कुछ उत्साही लोगों ने दौड़कर कार ड्राइवर को पकड़ लिया और उसे मौके पर पहुंची पुलिस को सौंप दिया। वारदात में इस्तेमाल हुई कार की सीट से अपराधबोध जताने वाला पत्र बरामद हुआ है। इससे पता चलता है कि यह सुनियोजित घटना थी। कार से तुर्किये से संबंधित कुछ पोस्टर भी मिले हैं। बर्लिन के मेयर फ्रांजिस्का जिफी ने घटना का विस्तृत ब्योरा देने से इन्कार कर दिया है। युवक से पूछताछ जारी है। पुलिस ड्राइवर की मानसिक बीमारी पर भी गौर कर रही है।
बर्लिन के इसी इलाके में इसी तरह की घटना 2016 में भी हुई थी। तब एक व्यक्ति ने ड्राइवर की हत्या कर ट्रक पर कब्जा कर लिया था और उसे भीड़ पर दौड़ा दिया था। उस घटना में ड्राइवर के अतिरिक्त 11 लोग मारे गए थे।