जम्मू संभाग में नए साल के पहले दिन आतंकियों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का षड्यंत्र रचा। सीमांत राजौरी जिले में रविवार को आतंकियों ने ढांगरी गांव में घुसकर अंधांधुध गोलीबारी कर चार हिंदुओं की हत्या कर दी। इस हमले में 10 अन्य लोगों को भी गोलियां लगी हैं। सभी को गंभीर हालत में जीएमसी राजौरी में भर्ती करवाया है। मृतकों में दो भाई और घायलों में भी उनके परिवार के लोग शामिल हैं। वारदात के बाद आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। सुरक्षाबलों का पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरूकर दिया है। वहीं, आतंकी वारदात के बाद जिले में लोगों में भारी आक्रोश है।
रविवार देर शाम करीब सवा सात बजे दो से तीन आतंकी राजौरी शहर से आठ किमी दूर ढांगरी गांव में घुसे। ठंड के कारण गांव में ज्यादा लोग बाहर नहीं थे। आतंकियों ने गांव के तीन घरों में घुसकर अंधाधुंध गोलियां चलाई। इसमें 14 लोग बुरी तरह घायल हो गए। गोलियों की आवाज से पहले गांव के लोगों को लगा कि कोई नए साल की खुशी में पटाखे फोड़ रहा है। जब वे घरों से बाहर निकले तो उन्होंने कई लोगों से खून से लथपथ पाया। इस दौरान मौका पाकर आतंकी वहां से भाग निकले।
लोगों ने घायलों को तुरंत जीएमसी राजौरी पहुंचाया। यहां तीन ने दम तोड़ दिया। इनकी पहचान दो सगे भाई सतीश्ा कुमार व दीपक के अलावा प्रीतम लाल के रूप में हुई है। एक मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। वहीं, 10 घायलों में से चार की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक सतीश की पत्नी, बेटा-बेटी के अलावा उनके एक अन्य भाई पवन को भी गोलियां लगी हैं। सूचना के बाद पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। जीएमसी राजौरी के एसोसिएटेड अस्पताल के अधीक्षक डा. महबूबा ने कहा कि मृतकों और घायलों के शरीर पर गोलियों के घाव हैं। घायलों का उपचार जारी है। जीएमसी राजौरी में लोग में आतंकवाद के खिलाफ भारी गुस्सा दिख रहा है। उन्होंने वहीं नारेबाजी भी की।
राजौरी जिला निशाने पर
कश्मीर में सुरक्षाबलों के कड़े प्रहार से सिर छिपा रहे आतंकी अब राजौरी जिले को निशाना बनाने की फिराक में हैं। यहां गत माह एक सैन्य शिविर के पास आतंकियों ने दो लोगों की हत्या कर दी थी। नवंबर में राजौरी में एलओसी पर घुसपैठ कर रहे एक आतंकी को सेना ने मार गिराया था।
दर्जनभर लांच पैड सक्रिय
आतंकी संगठनों ने राजौरी और पुंछ से सटे एलओसी पार करीब दर्जनभर लांच पैड सक्रिय कर दिए हैं। जम्मू-कश्मीर में पहाड़ी इलाकों पर बर्फबारी होने से कश्मीर में आतंकियों के तकरीबन सभी घुसपैठ के रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में राजौरी और पुंछ जिले में कम बर्फबारी वाले क्षेत्रों में आतंकी घुसपैठ की कोशिशें करते हैं। हालांकि सेना पूरी तरह से मुस्तैद है।
काला पठानी सूट पहने थे तीनों आतंकी, हमले के बाद जंगल में छिपे
हमले में शामिल आतंकी पहले से ही जंगल में छिपे हुए थे। रविवार को शाम होते ही आतंकी कोटरंका के घने जंगल से बाहर आए और वारदात को अंजाम देकर फिर से जंगल में छिप गए। ग्रामीणों के अनुसार, आतंकियों की संख्या तीन थी और तीनों ने काले रंग के पठान सूट डाल रखे थे और लाल रंग के बैग टांगे हुए थे। आतंकियों ने पूछ-पूछ कर हिदुओं के घरों में लोगों पर गोलाबारी की और वहां से भाग गए। कोटरंका पहले भी आतंकियों का गढ़ रह चुका है। अब फिर से इसी क्षेत्र में हमला कर यह साबित कर दिया है कि जंगल में अब भी आतंकी ठिकाने मौजूद है। इस जंगल का प्रयोग पहले आतंकी नियंत्रण रेखा से कश्मीर तक आने-जाने के लिए करते आए हैं। अब फिर से आतंकियों ने इसी जंगल से आकर नरसंहार कर दिया और आतंकी वहां से भागने में सफल हो गए।