रायपुर। 12 मार्च 2012, यह वो तारीख है जब बिलासपुर के एसपी आईपीएस राहुल शर्मा का शव आॅफिसर मेस में मिला था। इस केस में पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया था। उसमें उन्होंने अपने बॉस द्वारा परेशान किए जाने की बात लिखी थी। राहुल शर्मा सुसाइड केस में एक बार फिर सस्पेंडेड जीपी सिंह पर उंगलियां उठने लगी हैं। जीपी सिंह तब बिलासपुर के आईजी थे। इस सिलसिले में रविवार को महासमुंद से रायपुर आए राहुल शर्मा केस में सीबीआई के पूर्व मजिस्ट्रेट ने सुसाइड मामले की जांच पर सवाल उठाए। प्रभाकर ग्वाल ने कहा कि इस केस में जीपी सिंह को बचाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जीपी सिंह के साथ कुछ और अफसर भी इस केस में शामिल थे उन्हें भी बचाया जा रहा है क्योंकि राहुल शर्मा की मौत अकेले जीपी सिंह के बस की बात नहीं। ग्वाल, साल 2012 के जुलाई से सितंबर महीने तक ही इस केस की जांच का हिस्सा रहे फिर उन्हें हटा दिया गया था। अब कुछ सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ग्वाल इस केस में जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में भी हैं। इस वक्त जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार और राजद्रोह का केस दर्ज है। सीबीआई के पूर्व मजिस्ट्रेट प्रभाकर ग्वाल ने कहा कि इस केस में राहुल शर्मा का लैपटॉप अब तक गायब है। वो लैपटॉप में कई तरह के दस्तावेज और जरूरी जानकारियां रखते थे। आज तक उनकी कॉल डीटेल सामने नहीं आ सकी। जब घटना हुई तो बिलासपुर में नाकेबंदी की गई थी। मगर कुछ अफसरों को बिलासपुर से बाहर जाने दिया गया। आफिसर मेस जहां से राहुल शर्मा का शव बरामद किया गया वहां मौजूद लोगों से ठीक तरह से बयान नहीं लिए गए। इस केस की छानबीन कर रहे अफसरों के भी बयान लिए जाने थे मगर नहीं लिए गए। इस केस में सबूत छुपाने के प्रयास किए गए हैं।