वॉशिंगटन- रूसी सेना के हमले की आशंका के मद्देनजर यूक्रेन में आपातकाल घोषित करने का फैसला किया गया है। यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने बुधवार को सभी इलाकों में 30 दिनों के लिए आपातकाल लागू करने का निर्णय लिया है। हालांकि डोनेत्स्क और लुहांस्क को इससे बाहर रखा गया है, वहां इमरजेंसी नहीं लगाई जाएगी। माना जा रहा है कि यूक्रेन की सेना अलगाववादियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। एनएसडीसी के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद (एनएसडीसी) ने डोनेत्स्क और लुहांस्क के क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि आपातकाल की समयसीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। दानिलोव ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज आपातकाल की स्थिति घोषित करने के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस पर निर्णय लिया गया है। हमारे कानून के अनुसार, (यूक्रेन की संसद) को 48 मिनट के भीतर इस निर्णय को मंजूरी देनी होगी। डोनेत्स्क और लुहांस्क के अलावा पूरे यूक्रेन में आपातकाल लागू किया जाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति को देखते हुए वहां आपातकाल में ढील या सख्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपातकाल को 30 दिनों के लिए घोषित करने की योजना है और इसे 60 दिनों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।
यूक्रेन अपनी जमीन के हर इंच के लिए लड़ेगा
यूक्रेन ने स्पष्ट कर दिया है कि कूटनीति के साथ ही युद्ध के लिए भी तैयार है। यूक्रेन के विदेश मंत्री कुलेबास ने कहा कि मामूली, मध्यम या बड़े आक्रमण जैसी कोई बात नहीं है। हमला केवल हमला होता है। उन्होंने कहा कि हमारी पहली योजना कूटनीति के हर उपकरण का उपयोग करना है। दूसरी योजना है कि हमारी जमीन के हर इंच और हर शहर और हर गांव के लिए लड़ना। जब तक हम जीत नहीं जाते।
अमेरिका और ब्रिटेन के बाद अब जापान ने भी लगाए रूस पर प्रतिबंध
रूस द्वारा यूक्रेन के अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दो क्षेत्रों को मान्यता दिए जाने के बाद हालात और बिगड़ रहे हैं। कई पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन के बाद अब जापान ने भी अमेरिका पर प्रतिबंध लगाए हैं। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बुधवार को कहा कि हमारी सरकार जापान में रूस के सरकारी बांड को जारी करने और वितरण पर बैन लगाएगी। किशिदा ने ये भी कहा कि जापान दो यूक्रेनी विद्रोही क्षेत्रों से जुड़े लोगों को वीजा जारी करना भी निलंबित कर देगा। इसके अलावा जापान में उनकी संपत्ति को फ्रीज किया जाएगा और दोनों क्षेत्रों के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।