आठ वर्षीय बच्ची के यौन शोषण के दोषी मौलाना को 20 साल कैद की सजा सुनाई गई है। निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि शिक्षक से संरक्षक के तौर पर काम करने की आशा की जाती है। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश सीमा जाधव ने किया। कोर्ट ने मौलाना की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसे धार्मिक दुश्मनी के चलते झूठा फंसाया गया है।
कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि पीड़िता आठ साल की बच्ची है। दोषी समाज का एक जिम्मेदार व्यक्ति था। उसके ऊपर बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी थी। शिक्षक से संरक्षक के रूप में कार्य करने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन, उसने बहुत ही घृणित कार्य किया। उसने आठ साल की छोटी बच्ची को शिकार बनाया। कोर्ट ने कहा कि भरोसे के व्यक्ति द्वारा इस तरह का अपराध बच्चे के जीवन को सकारात्मक रूप से देखने के नजरिये को बदल देता है। वह किसी भी छूट का हकदार नहीं है।
शिकायत के अनुसार, पीड़िता का परिवार और दोषी कुर्ला में एक ही इमारत में रहते थे। पीड़िता दोषी के घर कुरान पढ़ने जाती थी। छह मई 2019 को जब पीड़िता पढ़ने के लिए गई थी, इस दौरान उसने उसका यौन शोषण किया। घर लौटने पर बच्ची ने इसकी जानकारी अपनी मां को दी। इसके बाद मौलाना के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।