खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि गेहूं और आटे के खुदरा मूल्य में वृद्धि हो रही है और इन पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से जल्द कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार गेहूं और आटे के मूल्य पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं और मूल्य में कमी के लिए सभी विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
गेहूं के आटे के मूल्य 38 रुपये प्रति किलो पहुंचने और मूल्य पर काबू पाने के सवाल पर चोपड़ा ने कहा कि हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे के मूल्य में तेजी है। हम इस मामले से वाकिफ हैं। हम जल्द ही कोई कदम उठाएंगे। हालांकि, खाद्य सचिव ने सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की कोई समयसीमा नहीं बताई। खाद्य सचिव ने कहा कि एफसीआई के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टाक है। घरेलू उत्पादन और एफसीआइ की खरीदारी में कमी के कारण सरकार ने पिछले वर्ष मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले महीने सूत्रों ने कहा था कि खुदरा मूल्य में कमी के लिए सरकार 15-20 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री कर सकती है।
चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने पर फैसला अगले महीने संभव
खाद्य सचिव ने कहा कि घरेलू उत्पादन और मांग की समीक्षा के बाद चीनी निर्यात कोटा बढ़ाने पर फैसला अगले महीने लिया जा सकता है। सरकार ने चालू सीजन में अभी तक 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय कर रखा है। पिछले वर्ष 110 लाख टन चीनी का निर्यात किया था। चालू सीजन में मिलों ने 55 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे पक्के कर लिए हैं। इसमें से 18 लाख टन चीनी का अब तक निर्यात किया जा चुका है।