बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंडों को विदेशी शेयरों में निवेश की दोबारा मंजूरी दे दी है। हालांकि पूरी इंडस्ट्री अधिकतम सात अरब डालर (55 हजार करोड़ रुपये) तक ही विदेशी शेयरों में निवेश कर सकेगी। यह मंजूरी ऐसे समय दी गई है जब विदेशी शेयरों की वैल्यू में तेज गिरावट आई है। एडेलविस म्यूचुअल फंड ने तो मंगलवार से अंतरराष्ट्रीय योजनाओं में निवेश स्वीकार करना शुरू भी कर दिया है।
साल, 2022 की शुरुआत में सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउस को विदेशी शेयरों में पैसे लगाने वाली योजनाओं में नए सब्सक्रिप्शन पर रोक लगाने को कहा था। यह रोक इसलिए लगाई थी क्योंकि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए विदेशी निवेश के लिए सात अरब डालर (55 हजार करोड़) की सीमा पार हो रही थी। हालांकि अब वैश्विक शेयरों में गिरावट के चलते इंडस्ट्री का निवेश इस सीमा से कम रह गया है तो फिर से मंजूरी दे दी गई है।
सेबी ने विदेशी शेयरों में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए सात अरब डालर का कैप रखा है जबकि विदेशी ईटीएफ में निवेश के लिए एक अरब डालर (7800 करोड़ रुपये) की सीमा निर्धारित की है। सेबी ने म्यूचुअल फंड सेक्टर की नियामक संस्था एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हर म्यूचुअल फंड एक फरवरी 2022 के दिन के आखिरी में विदेशी निवेश सीमा तक ही निवेश कर सके। इसका मतलब यह हुआ कि म्यूचुअल फंड विदेशी श्ोयरों के लिए उतना ही निवेश ले सकते हैं जितने पर एक फरवरी 2022 की सीमा का उल्लंघन नहीं हो।