धरमजयगढ़ विकासखंड के कई आदिवासी छात्र इनदिनों शिक्षा की रोशनी से दूर हैं। दरअसल, ठेकेदार की लापरवाही से शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास का मरम्मत कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया है। इसके कारण आदिवासी छात्र घरों में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में उनका भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है। इसे लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे और उनके परिजन पढ़ाई को लेकर चिंतित हो गए हैं। इसके विपरीत इस मामले में अधीक्षक ने चुप्पी साध ली है।
धरमजयगढ़ विकासखंड के शासकीय प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास का मरम्मत कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। बरसात शुरू हो जाने के कारण ठेकेदार ने मरम्मत का काम बंद कर दिया है। छात्रावास की मरम्मत का काम समय पर पूरा नहीं हो पाने के कारण आदिवासी छात्र घरों में रहने को मजबूर हैं। इसे लेकर बच्चे और उनके परिजन भी चिंतित हैं। इस मामले में अधीक्षक माना कि ठेकेदार ने मरम्मत कार्य समय पर पूरा नहीं किया। मगर, निर्माण की निगरानी का जिम्मा किसका था और क्यों काम पूरा नहीं हो पाया के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चो की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं इसी मामले में जनपद पंचायत के सीईओ ने ठेकेदार को शोकाज नोटिस भेजने की बात कही।