प्राइमरी स्कूलों में केवल तीन अध्यापक
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का नया सेटअप तैयार किया है। इसमें दर्ज संख्या को शिक्षकों की नियुक्ति का आधार माना गया है। बताया जा रहा है, नए सेटअप के मुताबिक हाईस्कूल में 220 से कम विद्यार्थी हुए तो वहां एक प्राचार्य और पांच अध्यापक ही मिलेंगे। वहां संस्कृत शिक्षक का पद नहीं होगा। 80 से कम विद्यार्थियों वाले प्राथमिक स्कूल में एक प्रधानपाठक और दो सहायक शिक्षक ही मिलेंगे। नए सेटअप के मुताबिक प्राथमिक स्कलों की दर्ज संख्या में क्रमश: 30 विद्यार्थियों की वृद्धि पर एक अतिरिक्त सहायक शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी। मिडिल स्कूल में 6 वीं से 8 वीं तक के सेटअप में एक प्रधानपाठक और 4 शिक्षक के पद स्वीकृत किए हैं। मिडिल स्कूल में 30 से कम विद्यार्थी हुए तो वहां प्रधानपाठक का पद भी नहीं होगा। वहीं उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं यानी कक्षा 9वीं से 12 वीं तक के सेटअप में 1 प्राचार्य सहित 9 व्याख्याता के पद स्वीकृत किए गए हैं। अगर हायर सेकेंडरी कक्षाओं में दर्ज संख्या 220 से कम है तो वहां संस्कृत विषय का अध्यापक नहीं दिया जाएगा। हाईस्कूल में खेल शिक्षक यानी पीटीआई का पद भी नये सेटअप में नहीं है। इस नये सेटअप पद विभाग में भी विरोध है। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, महामंत्री बिहारीलाल शर्मा, रायपुर संभाग अध्यक्ष अशोक रायचा एवं जिला अध्यक्ष एमआर सावंत का कहना है कि सामान्यत: प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त विषय शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण एक कक्षा को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक को कई विषय दे दिया जाता है। यह विद्यार्थियों की विषय में बुनियादी ज्ञान को विकसित करने में बाधक होता है। बेस कमजोर रहने से उच्च कक्षाओं में वो पढ़ाई से दूर होने लगता है। सेटअप में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पर सर्वाधिक फोकस करना था। सेटअप में पूर्व माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की विषयवार पढ़ाई के लिए विषय शिक्षकों की पदस्थापना का ध्यान नहीं रख गया है। वहीं सेटअप 2008 में स्वीकृत पदों को विलोपित कर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आधार तैयार किया जा रहा है।