फरीदाबाद। फरीदाबाद में निकिता तोमर हत्याकांड में अदालत ने केवल १२ मिनट मेें आरोपी को सजा सुनाई। बीकॉम की छात्रा निकिता 26 अक्तूबर 2020 की शाम पौने 4 बजे अग्रवाल कॉलेज से परीक्षा देकर बाहर निकल रही थी। तभी कार सवार तौसीफ और रेहान ने अपहरण करने की कोशिश की। जब निकिता ने विरोध जताया तो तौसीफ ने उसे गोली मार दी। तौसीफ निकिता पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी। सबसे पहले आरोपियों को देशी पिस्तौल उपलब्ध कराने वाले अजहरुदीन को बरी कर दिया गया। साथ ही उससे सीआरपीसी की धारा 346 के तहत बेल बॉन्ड भरवाया गया। मामले में बरी होने के बावजूद यदि अभियोजन पक्ष की तरफ से उच्च न्यायालय में अपील होती है तो अजहरुदीन को भी मौजूद रहना होगा। इसके बाद तौसीफ को धारा 302, 366, 511,34, 120 बी व आम्र्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया साथ ही रेहान को आम्र्स एक्ट के अलावा सभी मामलों में दोषी बनाया गया। इस पूरे प्रकरण में मात्र 12 मिनट का ही वक्त लगा।
पुलिस को देखकर अजहरुदीन को आया मिर्गी का दौरा
सुरक्षा की दृष्टि से अदालत में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। इसमें पुलिस के साथ ही सीआरपीएफ भी तैनात थी। इतनी पुलिस को देखकर अजहरुदीन घबरा गया और उसे अदालत में ही मिर्गी का दौरा पड़ गया। जिससे वह करीब तीन से चार मिनट बेहोश रहा। पुलिस कर्मियों ने उसे पानी के छींटे मारकर संभाल लिया और होश में आने के बाद एक बेंच पर बिठा दिया। कोर्ट रूम के बाहर जमा मीडिया कर्मियों ने भी अदालत की कार्रवाई देखने के लिए काफी कोशिश की लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें कोर्ट रूम में नही जाने दिया। भारी भीड़ को देखकर दोनों दोषियों को पिछले रास्ते की सीढिय़ों से भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट से बाहर ले जाया गया। अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की अदालत इस मामले की सजा पर 26 मार्च को फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को हत्या, अपहरण, आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य धाराओं में दोषी करार दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट में लगातार 3 महीने 22 दिन तक सुनवाई चली। निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने फैसले का स्वागत करते हुए दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है।