रूसी सेना ने दो स्थानों पर यूक्रेन की सैन्य सुरक्षा दीवार को तोड़ दिया है और यूक्रेनी क्षेत्र में आगे आ गई है। यूक्रेन ने हालात को मुश्किल बताया है जबकि उसके पश्चिमी सहयोगी देशों ने अतिरिक्त सैन्य सहायता का एलान किया है। इस बीच यूक्रेन ने राजधानी कीव के आकाश में मंडरा रहे रूस के छह जासूसी गुब्बारों में से ज्यादातर को मार गिराने का दावा किया है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि लुहांस्क प्रांत में यूक्रेनी सेना को पीछे धकेल दिया गया है। ऐसा अन्य मोर्चों पर भी हुआ है। बताया है कि कुछ स्थानों पर यूक्रेनी सेना तीन किलोमीटर पीछे तक चली गई है। मंत्रालय ने इस बाबत विस्तृत जानकारी नहीं दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेनी सेना ने कई स्थानों पर रूसी सेना के हमलों को विफल कर दिया है लेकिन स्थिति मुश्किल बनी हुई है। कहा है कि रूस यूक्रेनी सेना को सहयोगी देशों से बड़े हथियार मिलने से पहले ही ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लेना चाहता है। उन्होंने लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की अविलंब आपूर्ति को जरूरी बताया है।
लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदाई ने कहा है कि रूस भारी हथियारों से हमले कर रहा है और लुहांस्क में उसने बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं। एक साथ कई तरफ से हमले हो रहे हैं, इसलिए उनका मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है। पता चला है कि डोनेस्क प्रांत के बाखमुट शहर को घेरकर हमले किए जा रहे हैं। लेकिन शहर के भूमिगत ठिकानों से यूक्रेनी सेना मुकाबला कर रही है। डोनेस्क के क्रैमोटोर्स्क और स्लोवियांस्क शहरों की ओर भी रूसी सेना के बढ़ने की खबर है।
इस बीच यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने सहयोगी देशों से यूक्रेन को जल्द टैंकों की मदद भेजने के लिए कहा है। बोरेल का यह बयान जर्मनी के टैंक भेजने के असमंजस और डेनमार्क व नीदरलैंड्स के इन्कार के बीच आया है।