आप यदि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं तो यह खबर आपके बडे काम की है। यह खराब आदत आपको बीमार बना सकती है। फेसबुक द्वारा कराए गए आंतरिक सर्वेक्षण में ही पता चला है कि उसके उपयोगकर्ताओं में से 12.5 प्रतिशत यानी लगभग 36 करोड़ लोगों को यह आदत नुकसान पहुंचा रही है। फेसबुक की आदत ने ऐसे लोगों की नींद, कामकाज और बच्चों की देखभाल तक को नुकसान पहुंचा रही है। इस बीच कंपनी ने इस मीडिया रिपोर्ट को गलत बताया है।
अमेरिकी समाचार पत्र वाल स्ट्रीट जनरल के अनुसाार फेसबुक के शोधकर्ताओं ने पाया कि उसके प्रत्येक आठ में से एक यूजर इस प्लेटफार्म पर लंबे समय तक बना रहता है। फेसबुक ने इसे अपने प्लेटफार्म का ‘समस्याग्रस्त उपयोग” बताया है। शोधकर्ताओं ने किसी भी अन्य प्लेटफार्म की तुलना में फेसबुक की आदत वाले यूजरों को सबसे खराब माना है।
इस बीच फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने रिपोर्ट गलत बताया है। कंपनी ने दावा किया है कि अखबार ने गलत धारणा स्थापित करने के लिए कंपनी के आंतरिक दस्तावेज के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है, जो गलत है। मेटा में वाइस प्रेसिडेंट (शोध) प्रतीति रायचौधरी ने एक ब्लाग पोस्ट में कहा कि समस्याग्रस्त उपयोग का मतलब खराब आदत नहीं है। टीवी और स्मार्टफोन जैसे अन्य उपकरणों के साथ लोगों के ज्यादा समय तक बने रहते हैं। इसके लिए समस्याग्रस्त उपयोग का इस्तेमाल किया गया है।
वहीं अखबार की रिपोर्ट में कंपनी के आंतरिक अध्ययन के हवाले कहा गया है कि किस तरह इस इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की खराब आदत लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर रही है। कंपनी के अध्ययन में यह भी कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं के लिए फेसबुक दूसरे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म की तुलना में बड़ी समस्या बन रहा है। इसके विपरीत मेटा का कहना है कि अध्ययन में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले लोगों की परेशानियों को समझने के लिए यह अध्ययन किया गया है।