सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। पहली याचिका दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर थी, जबिक दूसरी दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था।
सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन का नाम तय करें। कोर्ट ने कहा कि LG और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं। इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए। दोनों साथ बैठें और दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन का नाम तय कर हमें बताएं।
इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि हम यह मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं? हालांकि इस मामले में अभी तक फैसला नहीं हुआ है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। कोर्ट तब तय करेगा कि अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं।