बरसात का मौसम आता है तो साथ लाता है बच्चो के लिए परेशानियां। डेंगू मलेरिया इन्फ्लुएंजा गैस्ट्रोएन्टेरिटिस टाइफाइड का खतरा इस मौसम में सबसे ज्यादा रहता है। कोशिश ऐसी करनी है की हम अपने परिवार को इनसे बचा सकें। वाइरल फीवर
ये बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है। इसकी तीवृता धीमे से काफी तेज़ हो सकती है। इसका संक्रमण ज्यादातर हवा से फैलता है। जितने जल्दी उचित उपचार बच्चों को इस स्थिति में मिलता है उतनी जल्दी वो सामान्य होते हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ संगीता नागराज हमें इससे बचने के खास उपाय बता रही हैं।
डेंगू
इस मौसम में मच्छर ज्यादा पनपने लगते हैं. मच्छर के काटने से डेंगू सीधे खून में पहुंच सकता है। इसमें बुखार सामान्य से तीर्व आता है। डेंगू खतरनाक बीमारी है चिकित्सक से तुरंत सलाह ले।
मलेरिया
मलेरिया भी मच्छर के कटाने से होता है। मलेरिया में कपकप्पी और थकान के साथ तेज़ बुखार आता है। इसमें शरीर का तापमान काफी अधिक रहता है। माता पिता को चिकित्स्य सलाह अवश्य लेनी चाहिए और वही दवाएंयो का उपयोग करना चाहिए।
इन्फ्लुएंजा ( फ्लू)
इंफ्कुएंज़ा को अधिकतर फ्लू कहा जाता है। इसमें नाक का बहना , बुखार आना , शरीर दर्द देना , खांसी और गले में दिक्कत की शिकायत रहती है। हवा से फैलने वाली ये बीमारी , शरीर में नाक और गले से घुसकर सास की नली के ऊपरी ट्रैक्ट पर असर करती है।
टाइफोइड
ये बीमारी पानी की वजह से होनी वाली बीमारी है। इसमें पेट दर्द , सर दर्द के साथ ज्यादा लम्बे समय तक के लिए बुखार रहता है।
गैस्ट्रोएन्टेरिटिस
बरसात के मौसम में हमारी पाचन क्रिया काफी संवेदनशील हो जाती है। ख़राब खाने- पानी से बैक्टीरिया से उत्पन होने वाले संक्रमण पेट पर असर डालते हैं। इसकी वजह से उलटी , दस्त , पेट में मरोड़ और कमजोरी की शिकायत बच्चे कर सकते हैं।
खयाल रखें इन बातों का
• दुबारा इस्तिमाल से पहले बैक्टीरिया और जर्म्स को मरने के लिए , छह महीने तक के बच्चो के बेडिंग धुलकर प्रेस अवश्य करें।
• बच्चे ज्यादातर ज़मीन से उठाकर खा लेते हैं, इस मौसम में इस बात का विशेष ख्याल रखें.
• चाइल्ड फ्रेंडली कीटनाशक से सभी सतह अवश्य साफ़ करें। आप गरम पानी और कपडे से भी साफ कर सकते हैं।
• जब बच्चे टॉयलेट या पॉटी के लिए खुद जाने लगें तो उन्हें हाथ अच्छे से धोना अवश्य सिखाएं
• पहनने वाले कपड़ों को नियमित रूप से धुलकर सुखाने की आदत अच्छी है। इसकी वजह से बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन नहीं फैलता है.
• इम्युनिटी बढ़ने वाले खाद्य पदार्थो को अपने खाने में अवश्य स्थान दें – अदरक लहसुन हल्दी तुलसी अजवाइन और नीबू ये मददगार रहेंगे। बच्चों के सूप और सलाद में ये इनको शामिल करें. दालचीनी और कुछ लॉन्ग पीने के पानी में मिलकर दे सकते हैं।
• ये सुनिश्चित करें की बड़े और बच्चे सभी अच्छी मात्रा में पानी पियें। बच्चों को केवल उबालकर ठंडाकर पानी देने की कोशिश करें इससे ज्यादातर बैक्टीरिया मर जातें हैं।
• बाहर का खाना मत कहें। घर के बने नाश्ते और खाने को प्राथमिकता दें
• खाने पीने का सामान साफ़ जगह पर ढक कर रखें
• अगर बच्चे को बुखार लगता है तो अपने डॉक्टर को अवश्य दिखाएं , ज्यादा बुखार होने पे गीला कपडा सारे शरीर पर रखें
• बच्चा को घर का हल्का सुपाच्य भोजन बीमारी में देना है जिसमे मिर्च मसाला का उपयोग न हुआ हो।
• जिस बच्चे को इन्फेक्शन हुआ हुआ उससे बाकि घर के सदस्यों को दूर रहना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले
• पिंक फ़्लु कंजक्टीविटेस तेजी से फ़ैल रहा है। ऐसे में सफाई का विशष ख्याल रखें। चिकित्सीय सलाह लें और बीमार बच्चो को स्कूल न भेजें।