नार्दर्न एलायंस की कार्रवाई से तालिबानी आतंकी दहशत में आ गए हैं। उनको अफगानिस्तान फिर हाथ से मिलने का डर सताने लगा है, इसलिए समझौते के लिए संदेश है। काबुल में रूसी राजदूत का कहना है कि तालिबान ने उससे एक सौदे की पेशकश का संदेश अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार की समर्थक सैन्य एलायंस को देने को कहा है।
तालिबानी उत्तरी अफगानिस्तान में अपनी पकड़ रखने वाले सरकार समर्थक नार्दर्न एलायंस के साथ एक समझौते की पेशकश करना चाहता है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तैनात रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव ने कहा कि तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के एक उच्चपदस्थ सदस्य ने रूस से कहा कि वह पंजशीर घाटी में लड़ाकों से कहे कि तालिबान वहां के हालात सुलझाने के लिए वह उनसे एक समझौता करना चाहता है।
रूसी राजनयिक का दावा है कि तालिबान ने उनसे कहा कि वह उस क्षेत्र में खूनखराबा नहीं चाहता है। तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रतिनिधियों ने इसी सिलसिले में काबुल में रूसी दूतावास का दौरा किया था।
काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी वह जगह है जो नार्दर्न एलायंस का गढ़ मानी जाती है और तालिबान को अब तक एक बार भी वहां जीत हासिल नहीं हुई है। अमेरिका की मदद से नार्दर्न एलायंस ने हमेशा वहां अपना कब्जा बनाए रखा है। मौजूदा हालात में अमरुल्लाह सालेह समेत अपदस्थ अफगान सरकार के नेताओं को फिलहाल नार्दर्न एलायंस के इसी इलाके में शरण मिली है। चूंकि काबुल समेत बाकी सभी इलाकों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है।