चित्रकूट में चालक की लापरवाही से एक निजी बस में सवार 15 लोगों की जान खतरे में पड़ गई। दरअसल, मानिकपुर में बरदहा नदी का पानी रपटे (बिना रेलिंग का संकरा पुल) के ऊपर से बह रहा है, लेकिन चालक बस पार करने का प्रयास कर रहा था। बीच में जाकर बस बंद हो गई। उसने ब्रेक फेल होने की बात कहकर यात्रियों से उतरने के लिए कहा। यात्री उतरकर नदी पार करने लगे। इसमें से छह यात्री बहने लगे। स्थानीय लोगों ने सभी को बचाकर अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान एक महिला ने दम तोड़ दिया।
शुक्रवार रात हुई वर्षा से बरदहा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे नदी का पानी मानिकपुर में ऊंचाडीह-डभौरा मार्ग पर चमरौंहा रपटे के ऊपर से बह रहा है। शनिवार दोपहर बाद मध्य प्रदेश के रींवा जिले के डभौरा से सवारी लेकर मानिकपुर आ रहा चालक बस को रपटा पार कराने का प्रयास करने लगा। बहाव तेज होने की वजह से बस अनियंत्रित होने लगी, लेकिन चालक नहीं माना। कुछ दूर आगे चलकर बस बंद हो गई। इसके बाद चालक ने ब्रेक फेल होने की बात कहकर यात्रियों से उतरने के लिए कहा।
यह सुनकर यात्रियों में अफरातफरी मच गई। यात्री पानी में उतरने लगे। इसमें से छह यात्री बहने लगे। किसी तरह लोगों ने सभी को बचाया और सीएचसी मानिकपुर ले गए। यहां इलाज के दौरान रीवा जनपद के जवा थाना क्षेत्र के गडुआई मजरा मदारी निवासी 52 वर्षीय शकुंतला देवी पत्नी लच्छू कोल की मौत हो गई। एएसपी शैलेंद्र कुमार राय ने बताया कि बस चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उसको बाढ़ की स्थिति में रपटा पार नहीं करना चाहिए था।