नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में जिस सुरंग के रास्ते आतंकवादी आए थे बीएसएफ के जवानों को उसमें बिस्किट के पैकेट और अन्य खाद्य सामग्री के रैपर मिले हैं। ज्ञात हो कि सुरंग के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। अब भारतीय सेना इस मामले में तमाम सबूत जुटाने में लगी हुई है। इसके मद्देनजर सुरक्षाबल 200 मीटर लंबी इस सुरंग में 150 फीट तक रेंगते हुए पहुंचे। बता दें कि 19 नवंबर को नगरोटा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें चार आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया गया। ये आतंकी 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने के लिए नापाक मंसूबे लेकर भारत में घुसे थे। मुठभेड़ के बाद सेना सतर्क हो गई है और सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना ने जम्मू-कश्मीर के सांबा और राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गश्त बढ़ाने का आदेश दिया। सुरक्षाबलों द्वारा गश्त बढ़ाने के पीछे का उद्देश्य उन सुरंगों का पता लगाना है, जिनके जरिए जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के चार आतंकी भारत में दाखिल हुए थे। फिलहाल, भारतीय खुफि या एजेंसियां जैश के चारों आतंकियों के नाम और ट्रैक खंगालने में जुटी हुई हैं। वहीं, इस मामले की जांच की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आतंकियों ने 19 नवंबर की रात बाहर निकलने से पहले सुरंग के अंदर ही छिपे हुए थे। उन्होंने बताया कि 173 बटालियन के कमांडेंट राठौर ने उन्हें बताया कि जैश के आतंकवादियों के द्वारा इस्तेमाल किए गए सुरंग में सुरक्षा बल के जवान करीब 150 फीट तक रेंगते हुए गए। इस दौरान जवानों को वहां से बिस्किट के पैकेट और अन्य खाद्य सामग्री के रैपर मिले। पैकेट पर लाहौर स्थित कंपनी ‘मास्टर कुजीन कपकेक नाम दर्ज है। इसके अलावा पैकेट पर निर्माण तिथि मई 2020 और एक्सपायरी डेट 17 नवंबर, 2020 अंकित है।
घटनाक्रम से परिचित लोगों ने बताया कि निश्चित रूप से सीमा के दूसरी तरफ किसी पाकिस्तानी रेंजर ने इन आतंकियों की मदद की होगी। खुफि या जानकारी में कहा गया है कि चारों आतंकवादियों को शकरगढ़ कैंप से लॉन्च किया गया और रामगढ़ व हीरानगर सेक्टरों के बीच सांबा जिला के मावा की ओर ले जाया गया। पिक-अप प्वाइंट जटवाल गांव था, जो पाकिस्तान के नगवाल में आता है।