कोरिया जिला अस्पताल में 300 क्षमता वाले ब्लड बैंक में खून की थैली खाली हो गई है। स्थिति यह है कि ब्लड बैंक में सिर्फ एक ही यूनिट ब्लड बचा है। समाज सेवियों, युवाओं द्वारा रक्तदान न किए जाने से ब्लड बैंक की यह हालत हो गई है। अस्पताल स्टाफ के मुताबिक, कोविड तक स्थिति सामान्य थी, लेकिन कोविड के बाद अस्पताल में ब्लड बैंक सिर्फ नाम का रह गया है। ब्लड नहीं मिलने से मरीज परेशान हो रहे हैं। दूसरे ब्लड ग्रुप के डोनर को लेकर पहुंचने वालों को भी मरीज के ग्रुप का ब्लड नहीं मिल रहा है।
बता दें कि जिला अस्पताल बैकुंठपुर में रोज करीब 10 यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। ब्लड बैंक में ब्लड नहीं होने से सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल, सर्जिकल डिलीवरी, ऑपरेशन और रक्त की कमी वाले रोगियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। इमरजेंसी में मुश्किलें और बढ़ गई है। डॉक्टरों के अनुसार जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की खपत के हिसाब माहभर में करीब 450 यूनिट खून की जरूरत है लेकिन लोग रक्तदान करने नहीं पहुंच रहे हैं। शिविर के दौरान कुछ दिन ही ब्लड बैंक में 30 से 40 यूनिट का स्टॉक रह पाता है।