कल कोर्ट सुनाएगा फैसला
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर मुद्दे में बड़ी बात खुल कर सामने आ रही है। पूरे हुए सर्वे में यह दावा किया जा रहा है की मस्जिद के जिस हिस्से का उपयोग वजू के लिए किया जाता था, उसमे शिवलिंग मिला है। न्यायलय ने उस हिस्से को पूरी तरह सील कर दिया गया है। सर्वे के दौरान इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। करीब 2 किलो मीटर के दायरे को छावनी में बदल दिया गया था। वहां किसी भी तरह की अप्रिय घटना और विवाद न हो इसके लिए अहम कदम उठाए गए थे। सर्वे पूरा होने के साथ ही अब लोगों को कल कोर्ट के तरफ से सुनते जाने वाले निर्णय का इंतजार है। आइए जानते हैं इस विषय से जुड़ी कई बातें
कहां से शुरू हुआ मामला
मस्जिद के ठीक बगल में काशी विश्वनाथ मंदिर है। दावा है कि इसे औरंगजेब ने एक मंदिर तोड़कर बनवाया था और इसके साथ ही कई बातें और दावे किए जाने लगे। कोर्ट को कई आवेदन किए गए जिसके बाद सर्वे और छानबीन शुरू की गई।
दावा है की तलाब में मिले शिवजी
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस तालाब को सील करने का आदेश दिया है, जहां “शिवलिंग” पाया गया है। जानकारी के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के दौरान मस्जिद के ऊपरी हिस्से में जहां नमाज पढ़ी जाती है, उसके पास वजू करने की एक जगह है। जिसके लिए एक छोटा तालाब बनाया गया है. इस तालाब में एक शिवलिंग मिलने की बात कही जा रही है। शिवलिंग मिलने के बाद हिंदू पक्ष जिला अदालत पहुंचा था, जहां इसको संरक्षित करने की बात कही गई. बनारस कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि जिस जगह शिवलिंग मिला है, उस स्थान को सील किया जाए। कोर्ट ने वाराणसी जिला प्रशासन को ये आदेश दिया हैं।कोर्ट ने शिवलिंग मिलने वाली जगह पर किसी के भी आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या कहते हैं वकील
हिंदू याचिकाकर्ता के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि हम लोगों ने कल ही आपत्ति दर्ज़ कराई थी। हम लोग वजू खाने का पानी सुखा कर देखना चाहते थे।आज हमने अपनी आंखों से देखा कि वहां शिवलिंग है। हमने ये बात बाहर बोलकर या कोर्ट में जाकर कोई contempt नहीं किया है। हमने तो कोर्ट में मांग की कि उस तालाब को सील किया जाए। हमें लग रहा था कोई छेड़छाड़ कर सकता है हमने जो किया वो कोर्ट के माध्यम से किया। वहीं दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष मस्जिद में शिवलिंग के दावे को निराधार बता रहा है। AIMIM के नेता वारिस पठान से जब पूछा गया कि कोर्ट के आदेश में यह बात है कि ज्ञानवापी में विवादित जगह पर शिवलिंग है, तो इस पर उन्होंने कहा कि वह लोअर कोर्ट को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘संविधान ने मुझे इजाजत दी है कि मैं हाई कोर्ट में जाऊं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पेडिंग है। ऐसे में इस पर यह निष्कर्ष निकालना सही नहीं है।
जारी आदेश पर एक नजर
राखी सिंह आदि बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मूलवाद संख्या 693/2021 पर दिनांक 16 मई 2022 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बताया कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन की ओर से प्रार्थना पत्र (78-ग) प्रस्तुत करके कहा गया है कि 16 मई 2022 को मस्जिद कॉम्प्लेक्स अंदर शिवलिंग पाया गया है। यह मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए जिलाधिकारी वाराणसी को यह आदेश दिया जाए कि वह इसे सील कर दें। इसके अलावा इस खास जगह पर मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मस्जिद में मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से तत्काल रोक दिया जाए।
कोर्ट के पीठासीन अधिकारी रवि दिवाकर ने कहा कि मैंने संपूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया है। पत्रावली को देखने से स्पष्ट है कि कोर्ट ने मस्जिद परिसर के कमीशन की कार्रवाई का आदेश दिया था। वादी गणों का कहना है कि कॉम्प्लेक्स में प्राप्त शिवलिंग को संरक्षित करना आवश्यक है, इसलिए न्यायहित में प्रार्थना पत्र 78-ग स्वीकार किए जाने के योग्य है।