रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यूक्रेन में 36 घंटे के युद्धविराम की घोषणा को कुछ घंटे के भीतर ही यूक्रेन ने नकार दिया। यूक्रेन ने कहा, जब तक हमलावर कब्जा की हुई भूमि नहीं छोड़ता तब तक युद्धविराम संभव नहीं है। यह युद्धविराम छह जनवरी को दिन में 12 बजे से शुरू होना था। रूस ने कहा था कि युद्धविराम के दौरान रूसी सेना यूक्रेन पर कोई हमला नहीं करेगी। दोनों देशों ने निकट भविष्य में शांति वार्ता की संभावना से भी इन्कार किया है।
24 फरवरी, 2022 से जारी युद्ध को रोकने का पुतिन ने ऐलान आर्थोडाक्स क्रिसमस के अवसर पर किया था। रूस और यूक्रेन में आर्थोडाक्स चर्च को मानने वालों की संख्या बहुतायत में है। दोनों देशों में छह और सात जनवरी को आर्थोडाक्स क्रिसमस मनाया जाएगा। इससे पहले मास्को में धर्मगुरु पैट्रिआर्क किरिल ने दोनों देशों से क्रिसमस के अवसर पर युद्धविराम की अपील की थी। इसके बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने बयान जारी कर कहा, पैट्रिआर्क किरिल की अपील को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्री को यूक्रेन में युद्धविराम का निर्देश दिया गया है। यह युद्धविराम छह जनवरी को दिन में 12 बजे शुरू हो जाएगा और सात जनवरी को रात 12 बजे तक लागू रहेगा।
यूक्रेन किरिल की युद्धविराम की अपील पहले ही खारिज कर चुका है। पैट्रिआर्क किरिल रूस की सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मिखाइलो पोडोल्याक ने ट्वीट कर कहा है कि यह दिखावटी युद्धविराम है। वास्तव में रूस को युद्ध रोकना है तो पहले वह यूक्रेन की कब्जा की हुई जमीन को खाली करे। इस बीच यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उसने बुधवार को यूक्रेन में विभिन्न् स्थानों पर रूस के करीब आठ सौ सैनिक मार डाले हैं। इनमें से ज्यादातर को डोनेस्क प्रांत में मारा है जहां पर दोनों देशों की सेनाओं की भीषण लड़ाई चल रही है।
यूक्रेन हारे हुए क्षेत्र का दावा छोड़े तो रूस वार्ता को तैयार
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वह यूक्रेन मसले पर वार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन उसके लिए यूक्रेन को हारी हुई जमीन पर अपना दावा छोड़ना होगा। पुतिन ने यह बात तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के साथ टेलीफोन पर वार्ता में कही है। क्रेमलिन के अनुसार राष्ट्रपति पुतिन ने तुर्किये के अपने समकक्ष को पश्चिमी देशों की युद्ध भड़काने वाली भूमिका के बारे में भी बताया कि पश्चिमी देश यूक्रेन में हथियार भेज रहे हैं, रणनीतिक खुफिया जानकारियां दे रहे हैं और यूक्रेनी सेना का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पुतिन और एर्दोगन यूक्रेन में युद्ध छिड़ने के बाद से लगातार वार्ता कर रहे हैं। तुर्किये अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य है लेकिन उसके रूस के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं। एर्दोगन के प्रयास से ही रूस और यूक्रेन के बीच खाद्यान्न् निर्यात का समझौता हुआ था, इसमें तुर्किये भी एक पक्ष है।