नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन की गूंज मंगलवार को संसद में सुनाई दी। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया था। हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कल चर्चा होगी। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। थोड़ी देर में विपक्ष वापस लौटा और किसानों के समर्थन में जमकर नारेबाजी करने लगा। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को सुबह 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विपक्ष के जारी हंगामे की वजह से कार्यवाही को दोबारा 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
फिर स्थागित हुई सदन की कार्यवाही
विपक्ष के हंगामे के बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही को सुबह 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सदन में विपक्ष की नारेबाजी के चलते राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
-राज्यसभा में विपक्ष ने की नारेबाजी
राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर हंगामा हो रहा है। विपक्षी सांसदों ने किसान विरोधी काले कानून वापस लेने को लेकर नारेबाजी की। इसके बाद विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट दिया और शन्यू काल शुरू हो गया। थोड़ी देर बाद विपक्षी सांसद सदन में वापस आए और किसानों के समर्थन में नारेबाजी करने लगे।
–कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा होगी
मैं दोहराया हूं कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा होगी। यह गलत धारणा बन रही है कि कोई चर्चा नहीं हुई। मतदान के संबंध में, लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन हर पार्टी ने अपने कार्य को पूरा किया और सुझाव दिए।
किसानों के आंदोलन पर कल होगी चर्चा
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, किसानों के आंदोलन पर चर्चा आज नहीं कल होगी। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन का जिक्र किया था। मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है। इसे ध्यान में रखते हुए हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं।
–बसपा ने दिया स्थगन प्रस्ताव
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अशोक सिद्धार्थ ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के मद्देनजर यह प्रस्ताव दिया है।