विमान से यात्रा करना अब आम बात होने लगी है। विमान यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। शायद आपने भी हवाई यात्री की होगी, मगर क्या आपको पता है कि विमान को ऊंचाई पर ले जाने के बाद पायलट सो जाता है। यह ऐसी जानकारी है, जिसके बारे में आमतौर पर लोगों को नहीं पता होता। उड़ान के दौरान ऐसा बहुत कुछ होता है, जो न एयरलाइंस कंपनियां इस बारे में आपको जानकारी देती हैं और न ही पायलट और एयरहोस्टेस।
जी हां पायलट विमान में ही सोते हैं, सुनकर आपको अजीब लग रहा होगा। ऐसा एयर पॉकेट बनने की वजह से होता है। दरअसल, हजारों फीट की ऊंचाई पर जाने के बाद जो बाहर के नजारे हमें बेहद खूबसूरत लगते हैं, पायलट उनके आदि होते हैं। 60 फीसदी पायलट्स ने ये माना भी हैं कि वे लंबी दूरी की फ्लाइट में वे कभी-कभी कुछ देर के लिए सो जाते हैं। ऑटो पायलट मोड ऐसे में उनकी मदद करता है, लेकिन घबराइए नहीं एक पायलट के सोने के बाद दूसरा पायलट जगा रहता है।
क्या आपको पता है कि विमान में जो खाना आपको दिया जाता है, वह पायलट्स को नहीं दिया जाता। इसकी वजह यह है कि विमान में पायलट्स की सेहत का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है, कहीं खराब खाना पायलट ने खा लिया और वो टॉयलेट में ही बैठे रह गए, तो आपको लैंड कौन करवाएगा।
फ्लाइट में हवा का दबाब कम होने या ऑक्सीजन कम होने पर एमरजेंसी में काम आने के लिए एयरलाइंस में ऑक्सीजन मास्क की सुविधा होती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि कुछ मामलों ये बिल्कुल बेकार साबित होते हैं। फ्लाइट में आपको एयरहोस्टेस इस बात की जानकारी जरूर देती हैं कि इसका इस्तेमाल करना कैसे है, लेकिन ये मास्क 15 मिनट से ज्यादा काम नहीं करते। इसके बाद ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है, जिसकी वजह से हाइपर वेंटिलेशन की स्थिति बनने लगती है।
अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के दौरान टीवी देखने या म्यूजिक सुनने के लिए हेडफोन दिए जाते हैं, जिसे प्लास्टिक में बंद करके दिया जाता है। देखने में हेडफोन आपको नए लगेंगे, लेकिन उनमें से ज्यादा इस्तेमाल किए हुए होते हैं। दोबारा यूज करने पर इनसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
अगर किसी की उड़ान में मृत्यु हो जाती है तो अधिकांश विमानों में एक विशेष क्षेत्र नहीं होता है जहां लैंडिंग तक शव रखा जाएगा। बीबीसी के अनुसार, अधिकांश मामलों में, मृत यात्री को उनकी रिजर्व सीट पर वापस ले जाते हैं, यदि कोई खाली सीट नहीं है, तो शरीर को कंबल से लपेटकर लिटा दिया जाता है।
अगर आप और आपका साथी ये सोच रहे हैं कि प्लेन में कोई भी नहीं है और आप कहीं भी सीट बदलकर बैठ सकते हैं या कुछ भी छेड़छाड़ फ्लाइट में कर सकते हैं, और आपको ऐसे में कोई भी नहीं देख रहा है, तो आप एकदम गलत हैं। लगभग हर फ्लाइट में छिपे हुए कैमरे होते हैं, जो अपने यात्रियों की एक्टिविटीज पर नजर रख रहे होते हैं।
नहीं, फ्लाइट स्टाफ आपको सुलाने के लिए एयरप्लेन टेक ऑफ करने के दौरान लाइट डिम नहीं करते, वो बल्कि इसलिए करते हैं जिससे जब टेक ऑफ या लैंडिंग करने के दौरान कुछ एमरजेंसी आती भी है तो पावर जाने के बाद अंधेरा होने के समय यात्रियों की आंखें डिम लाइट में एडजस्ट हो सकें।