नई दिल्ली ।कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का को 29 दिन बीत चुके है लेकिन आंदोलन खत्म होने के असार नही दिख रहे है। सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की। चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है। इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी।
30 हजार किसान 2 दिन बाद दिल्ली रवाना होंगे
हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों से किसानों का दिल्ली पहुंचने का सिलसिला जारी है। 26 दिसंबर को पंजाब के खनौरी से और 27 दिसंबर को हरियाणा के डबवाली से 15-15 हजार किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
5 दिन में दूसरी चिट्ठी
केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों एक और खत लिखा है। खत में किसानों से अगले दौर की बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने को कहा गया है। इससे पहले सरकार ने 20 दिसंबर को किसान नेताओं को खत लिखकर बातचीत का समय तय करने को कहा था, जिसे किसानों ने बुधवार को नकार दिया था। उन्होंने सरकार से बातचीत का प्रपोजल बुधवार को ठुकरा दिया। किसानों ने कहा कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, सरकार किसानों की अनदेखी कर आग से खेल रही है, उसे जिद छोड़नी चाहिए।
सरकार के प्रपोजल पर किसानों ने दिया जवाब
कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने 20 दिसंबर को किसान नेता डॉ. दर्शनपाल को प्रपोजल भेजा था। इसलिए जवाब भी दर्शनपाल की ई-मेल से संयुक्त सचिव को ही भेजा गया है। किसानों ने लिखा है- आपने पूछा था कि हमारी पिछली चिट्ठी एक आदमी की राय है या सभी संगठनों की। हम बता दें कि यह संयुक्त मोर्चे की सहमति से भेजा गया जवाब था। इस पर सवाल उठाना सरकार का काम नहीं है। हम हैरान हैं कि सरकार अब भी तीन कानूनों को रद्द करने की हमारी मांग को समझ नहीं पा रही। कई दौर की बातचीत में साफ तौर पर बताया गया कि कानूनों में ऐसे बदलाव हमें मंजूर नहीं हैं। 5 दिसंबर को मौखिक प्रपोजल खारिज करने के बाद हमें बताया गया कि सरकार के साथ चर्चा के बाद ठोस प्रपोजल भेजा जाएगा, लेकिन 9 दिसंबर को जो प्रस्ताव भेजे, वे 5 दिसंबर की चर्चा वाले ही थे जिन्हें हम पहले ही खारिज कर चुके हैं। आपने न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें ऐसा कोई भी साफ प्रस्ताव नहीं है जिसका जवाब दिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आप मौजूदा खरीद सिस्टम से संबंधित लिखित भरोसे का प्रस्ताव रख रहे हैं। किसान संगठन राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिश के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। बिजली अधिनियम (संशोधन) विधेयक के ड्राफ्ट पर प्रस्ताव साफ नहीं है। जब तब आप क्रॉस सब्सिडी बंद करने के प्रोविजन के बारे में साफ नहीं करते, तब तक इस पर जवाब बेकार है।
इधर… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के 78 लाख किसानों के खाते में भेजेंगे सम्मान राशि
किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से मध्य प्रदेश समेत देश के किसानों से 25 दिसंबर को रूबरू होंगे। 7 दिन के अंदर दूसरी बार है, जब पीएम मोदी किसानों से संवाद करने जा रहे हैं और 18 हजार करोड़ रुपए 9 करोड़ किसानों के खाते में सम्मान राशि ट्रांसफर करेंगे। इससे प्रदेश के 78 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। असल में, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को इखढ सुशासन दिवस के रूप में मनाएगी। इसी दिन पीएम मोदी किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रुपए 9 करोड़ किसानों के खातों में भेजेंगे। पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं सुशासन दिवस कार्यक्रम के प्रभारी रणवीर सिंह रावत ने बताया कि ढट मोदी किसानों को दोपहर 12 बजे से संबोधित करेंगे और उनके इस संबोधन को प्रदेश के एक करोड़ किसान सुनेंगे। इससे प्रदेश के 78 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान होशंगाबाद जिले के बाबई में किसानों को संबोधित करेंगे। उनके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद होंगे।
कांग्रेस मैदान में प्रियंका को पुलिस ने रोका, राहुल मिले राष्ट्रपति से
कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कार्यकतार्ओं के साथ विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की। पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी, इसके बावजूद मार्च निकाला तो प्रियंका को हिरासत में ले लिया गया। उधर, राहुल किसानों के मुद्दे पर गुलाम नबी आजाद के साथ राष्ट्रपति से मिले और उनसे किसानों के मामले में दखल की मांग की। इस मुलाकात के बाद राहुल ने मीडिया से बात की। प्रियंका को हिरासत में लिए जाने पर राहुल ने कहा, मोदी के खिलाफ खड़ा होने की कोशिश करने वाले को आतंकी करार दे दिया जाएगा, भले ही मोहन भागवत ही क्यों न हों।”