
चीन हमेशा से पड़ोसी ताइवान पर दावा करता रहा है कि उसका एक प्रांत है, लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। ताइवान का कहना है कि उसका चीन की कम्युनिस्ट सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। चीन डरा-धमकाकर ताइवान पर कब्जा करना चाहता है, उसका मानना है कि एक न एक दिन ताइवान उसका हिस्सा बन ही जाएगा। चीनी सेना के फाइटर जेट और समुद्री जहाज अकसर ताइवान की सीमा में घुस जाते हैं और उसकी संप्रुभता का उल्लंघन करते हैं। ऐसा नहीं है कि ताइवान की सेना एकदम कमजोर है और चीन जब चाहे उस पर कब्जा कर ले। ताइवान की सेना काफी मजबूत है और उसको अमेरिका का भी समर्थन मिला है। यही वजह है कि चीन उससे सीधे टकराने में बच रहा है।
ताइवान ने चीन से खतरे को देखते हुए 66 F-16V फाइटर जेट की डील की थी, जिनमें से एक फाइटर जेट की डिलीवरी हो गई है। दक्षिण कैरोलिना के ग्रीनविले में लॉकहीड मार्टिन के उत्पादन केंद्र में इस डिलीवरी समारोह का आयोजन किया गया था। फोकस ताइवान की रिपोर्ट के मुताबिक, जो नए F-16V फाइटर जेट ताइवान को मिलेंगे, उससे वायुसेना मजबूत होगी और चीन को टक्कर दे पाएगी। ताइवान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान 2019 में 66 F-16V के लिए डील की थी। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ताइवान को 2026 तक अमेरिका से सभी 66 नवीनतम F-16 फाइटर जेट मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका से डिलीवरी होने के बाद उन्हें पूर्वी ताइवान के ताइतुंग एयरबेस पर तैनात किया जाएगा. इनके अलावा ताइवान की वायुसेना ने 2023 में अपने 140 से ज्यादा F-16A/B बेड़े को F-16V के रूप में अपग्रेड किया गया है। ये जेट विमान अधिक उन्नत एवियोनिक्स से सुसज्जित हैं, जिनमें एपीजी-83 स्केलेबल एजाइल बीम रडार, हेलमेट माउंटेड क्यूइंग सिस्टम तथा अन्य उड़ान प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां शामिल हैं।
डिफेंस एक्सपर्ट ने बताया कि ताइवान ने जो F-16V अमेरिका से खरीदे हैं और वायुसेना ने जिन F-16A/B को अपग्रेड किया है, इससे ताइवान की वायुसेना को काफी मजबूती मिलेगी। ताइवान के एक थिंकटैंक INDSR के रिसर्चर ने कहा कि अमेरिका से मिला नया फाइटर जेट जनरल इलेक्ट्रिक एफ110 इंजन से लैस है। आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन में 29,000 पाउंड का थ्रस्ट है, जो ताइवान के मौजूदा एफ-16 विमानों में प्रयुक्त इंजनों के 23,000 पाउंड-अधिकतम थ्रस्ट से कहीं अधिक है। उन्होंने बताया कि दो सीटों वाले इस विमान में उन्नत AESA रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट है। यह US18E इजेक्शन सीट के साथ आता है। इसमें ताइवान के मौजूदा एफ-16 विमानों में लगे एयर इनटेक से भी बड़ा एयर इनटेक है।
चीन अकसर ताइवान को धमकी देता रहता है, जिसकी वजह से उसको अपनी सेना को काफी अपग्रेड करना पड़ता है। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान को धमकी देते हुए कहा था कि उसका चीन में विलय होने से कोई नहीं रोक सकता है और इसके लिए चीन अपनी कोशिशें करता रहेगा। जिनपिंग के बयान और चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि चीन कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहा है।