आज भगवान शिव जी को प्रसन्न करने का दिन है। वैसे तो भगवान भोलेनाथ बेहद सरल स्वभाव के हैं। इन्हें भक्त अपनी भक्ति से प्रसन्न कर सकते हैं। अगर आप अपने घर में परिवार के साथ भगवान का पूजन स्वयं करना चाहते है तो हम आपको बताएंगे कुछ सरल उपाय जिनके साथ आप अपनी पूजा को पूर्ण कर सकते हैं।
पंडित उदय शर्मा के अनुसार भगवान को भंग, धतूरा, बेलपत्र बेहद प्रिय है। आज के दिन इन्हे जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही पूजा सामग्री में मिलने वाली भस्म का भी पूजा में प्रयोग कर सकते हैं। एक बात का अवश्य खयाल रखें कि महिलाएं भस्म भगवान को अर्पित ना करें। तो आइए जानते हैं पूजा विधि।
पूजा के समय शुद्ध आसन पर बैठकर पहले आचमन करें। यज्ञोपवित धारण कर शरीर शुद्ध करें। तत्पश्चात आसन की शुद्धि करें। पूजन-सामग्री को यथास्थान रखकर रक्षादीप प्रज्ज्वलित कर लें।
स्वस्ति-पाठ – स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:, स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।
– इसके बाद पूजन का संकल्प कर भगवान गणेश एवं गौरी-माता पार्वती का स्मरण कर पूजन करना चाहिए।
यदि आप रूद्राभिषेक, लघुरूद्र, महारूद्र आदि विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं, तब नवग्रह, कलश, षोडश-मात्रका का भी पूजन करना चाहिए।
संकल्प करते हुए भगवान गणेश व माता पार्वती का पूजन करें फिर नन्दीश्वर, वीरभद्र, कार्तिकेय (स्त्रियां कार्तिकेय का पूजन नहीं करें) एवं सर्प का संक्षिप्त पूजन करना चाहिए।
– इसके पश्चात हाथ में बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें।
भगवान शिव का ध्यान करने के बाद आसन, आचमन, स्नान, दही-स्नान, घी-स्नान, शहद-स्नान व शक्कर-स्नान कराएं।
– इसके बाद भगवान का एक साथ पंचामृत स्नान कराएं। फिर सुगंध-स्नान कराएं फिर शुद्ध स्नान कराएं।
अब भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। वस्त्र के बाद जनेऊ चढाएं। फिर सुगंध, इत्र, अक्षत, पुष्पमाला, बिल्वपत्र चढाएं।
अब भगवान शिव को विविध प्रकार के फल चढ़ाएं। इसके पश्चात धूप-दीप जलाएं।
हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेद्य लगाएं।
नैवेद्य के बाद फल, पान-नारियल, दक्षिणा चढ़ाकर आरती करें। (जय शिव ओंकारा वाली शिव-आरती)
इसके बाद क्षमा-याचना करें।
क्षमा मंत्र : आह्वानं ना जानामि, ना जानामि तवार्चनम, पूजाश्चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वर:।
इस प्रकार संक्षिप्त पूजन करने से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर सारे मनोरथ पूर्ण करेंगे। घर में पूरी श्रद्धा के साथ साधारण पूजन भी किया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
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